रायपुर. सायबर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस मुख्यालय में गृह मंत्रालय के स्टेट कनेक्ट प्रोग्राम अंतर्गत दो दिवसीय ट्रेनिंग सेशन आज सम्पन्न हुआ. इस सेशन में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के निदेशक बादल कौशिक और टीम ने प्रशिक्षण दिया. जिसमें 8 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 25 उप पुलिस अधीक्षक सहित कुल 129 अधिकारी-कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए.
पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम ने राज्य पुलिस द्वारा म्यूल खातों पर कार्यवाही की सराहना की. उन्होने देश के विभिन्न ऐजेंसियों के बीच समन्वय और संचार की उपयोगिता पर जोर दिया. साथ ही साइबर हेल्पलाईन नंबर 1930 के प्रचार और लोगों को जागरुक करने निर्देशित किया गया.
बढ़ते साइबर अपराध पर चिंता
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) प्रदीप गुप्ता ने साइबर अपराध की तेजी से बढ़ती प्रवृत्ति को अन्य पारंपरिक अपराधों की तुलना में अधिक गंभीर बताया. उन्होंने सिम ब्लॉकिंग और म्यूल खातों पर कार्रवाई को बढ़ाने और उनसे प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय लिंकेजेस को ब्लॉक करने पर जोर दिया.
I4C के प्रशिक्षकों ने साइबर स्पेस में हो रहे विभिन्न अपराधों, वित्तीय धोखाधड़ी और वर्चुअल डिजिटल करेंसी से संबंधित जांच की तकनीकी बारीकियों पर विस्तृत जानकारी दी. इसके अलावा, विभिन्न पोर्टल्स के संचालन और कानूनी पहलुओं पर भी प्रशिक्षण दिया गया.
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) एस.आर.पी. कल्लूरी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विआशा) विवेकानंद सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (गुप्त वार्ता) अमित कुमार, पुलिस महानिरीक्षक ध्रुव गुप्ता, पुलिस उप महानिरीक्षक (तकनीकी सेवाएं) गिरिजा शंकर जायसवाल और सहायक पुलिस महानिरीक्षक (तकनीकी सेवाएं) कवि गुप्ता सहित पुलिस मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
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