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रायपुर। शनिवार को रायपुर एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है. रायपुर आर्ट लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल (RALFF) का आयोजन 8 फरवरी 2025 को रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम के प्रथम तल में किया गया है. कार्यक्रम का शुभारंभ दोपहर 1:00 बजे होगा. फेस्टिवल में प्रदेशवासियों के लिए एंट्री फ्री रखी गई है. कार्यक्रम में पद्मश्री पंडी राम मंडावी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे.
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अंतरराष्ट्रीय फिल्म सहित 150 से ज्यादा फिल्मों की एंट्री
इस वर्ष फिल्म फेस्टिवल में 150 से ज्यादा फिल्मों की एंट्री आई है. इनमें अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर से केरल तक की फिल्में शामिल हैं. चयनित 15 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा और 5 फिल्मों को पुरस्कृत किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ की पहली बायोपिक फिल्म की स्क्रीनिंग
दाऊ मंदराजी और छत्तीसगढ़ी कलाकार पर आधारित छत्तीसगढ़ की पहली बायोपिक फिल्म ‘मंदराजी’ की स्क्रीनिंग फेस्टिवल में की जाएगी. किशोर सारवा और नंद किशोर साहू के निर्देशन में बनी इस फिल्म में छत्तीसगढ़ के सुपरस्टार करण खान दाऊ मंदराजी की भूमिका में हैं.
फेस्टिवल क्यूरेटर प्रीति उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कला और कलाकारों की कोई कमी नहीं है. फेस्टिवल के माध्यम से यहां की कला संस्कृति, सिनेमा को नई दिशा प्रदान करना है. उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल का उद्देश्य न केवल छत्तीसगढ़ के प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को मंच प्रदान करना है बल्कि देश-विदेश के दर्शकों को उनकी रचनात्मकता से परिचित कराना भी है. यह आयोजन छत्तीसगढ़ के सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
फेस्टिवल डायरेक्टर कुणाल शुक्ला ने कहा कि रायपुर आर्ट लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल केवल फिल्मों का प्रदर्शन करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह विचारों के आदान-प्रदान, कला की सराहना और नए सृजन की प्रेरणा का एक मंच है. दर्शकों और फिल्म निर्माताओं की शानदार सहभागिता ने इसे एक अनोखा सांस्कृतिक उत्सव बना दिया है. हमारा प्रयास है कि हर वर्ष इस आयोजन को और व्यापक बनाया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ के कलाकारों की प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई मिले.
आयोजन का तीसरा साल
रायपुर आर्ट, लिट्रेचर एंड फिल्म फेस्टिवल का लगातार यह तीसरा साल है. विगत वर्षों की तरह इस बार भी अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के साथ पूरे भारत से जम्मू कश्मीर से केरल तक 150 से ज्यादा फिल्मों ने भाग लिया है. जिसमें प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं, कलाकारों के साथ साथ युवा फिल्ममेकर ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है.
मुख्य आकर्षण के केंद्र
फिल्म स्क्रीनिंग, डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शनी, परिचर्चा सत्र और कार्यशालाओं के साथ यह फेस्टिवल दर्शकों को भारतीय भाषाओं की शॉर्ट फिल्मों से रूबरू कराएगा. शाम को अवार्ड सेरेमनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा. फेस्टिवल में डॉ. अनिल द्विवेदी (फ़िल्म क्रिटिक और वरिष्ठ पत्रकार) मॉडरेट करेंगे. वहीं स्वाति पांडे और आरजे नमित कार्यक्रम को होस्ट करेंगे.
मुख्य कार्यक्रम विवरण
परिचर्चा सत्र : पहले सत्र में “जिंदगी…कैसी है पहेली” विषय पर रवि वल्लुरी, अज़ीम उद्दीन, भगवत जायसवाल और दिव्यांश चर्चा करेंगे. वहीँ दूसरे सत्र में “दिस क्राइंग अर्थ, दीज वीपिंग शोर्स (ट्रांसनेशनल इंडिजिनस डायलॉग)” पर मीर अली मीर,सेसिलिया डियाज़, किरण भट ,मुकेश पांडे और अपनी राय रखेंगे.
स्क्रीनिंग : फिल्म मंदराजी की स्क्रीनिंग, हिंदी शॉर्ट फिल्में: कदम, बंटू’स गैंग, बोटल, द स्ट्रीट एंजल, 04, बिटवीन वर्ल्ड्स, डॉक्यूमेंट्री: चिंताराम, जुनून और ज़माना, बहुभाषी शॉर्ट फिल्में: ब्यांव (राजस्थानी), प्रदक्षिणा (मराठी), एनाउंसमेंट – ए मार्टर स्टोरी (हिंदी), थुनाई (तमिल), हेल्प योरसेल्फ (अंग्रेजी/हिंदी), मन आसाई (तमिल), जमगहीन (छत्तीसगढ़ी), कमजखीला (अन्य), द फर्स्ट फिल्म (हिंदी).
कार्यशाला : फिल्म निर्माण की अवधारणा पर डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी, परफेक्ट योर मैन्युस्क्रिप्ट विषय पर लक्ष्मी वल्लुरी और इमोशन्स थ्रू एडिटिंग पर बिरजू कुमार रजक की क्लास होगी.
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