Donkey Route: पंजाब के युवाओं में अमेरिका, कनाडा और दुनिया के अन्य देशों में बसने की इच्छा कोई नई बात नहीं है. सही और गलत रास्तों पर चलने वालों की संख्या भी कम नहीं है. किसी भी कीमत पर विदेश बसने की चाह ने गैर-कानूनी प्रवास का खेल शुरू कर दिया है.

यह खेल पुराना है. पहले इसे कबूतरबाजी कहा जाता था, लेकिन अब इसे डंकी रूट कहा जाने लगा है. डॉलर की चमक-दमक के आगे पागल होने वाले युवाओं का एजेंटों ने भरपूर फायदा उठाया. हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां पड़ी तस्वीरें देखकर संसद से लेकर सड़कों तक हंगामा मचा, लेकिन इस खेल की पटकथा खुद हमने ही लिखी है.

यह पटकथा सिर्फ और सिर्फ गैर-कानूनी तरीके से विदेशों में बसने की इच्छा की है. इसमें अहम किरदार उन एजेंटों ने निभाए हैं, जो इस अवैध धंधे को फलती-फूलती इंडस्ट्री बना चुके हैं. वे हमारे झूठे सपनों को सच करने का भरोसा देकर हमें ठगते हैं, लेकिन उन पर कभी सख्त कार्रवाई नहीं होती. गैर-कानूनी तरीके से विदेश जाने और वहां बसने की यह प्रवृत्ति आतंकवाद के दौर से शुरू हुई थी.

आतंकवाद के दौर से गैर-कानूनी प्रवास तक

1984 में पंजाब में आतंकवाद के दौर के बाद, जब पुलिस ने बड़े ऑपरेशन चलाए, तो बड़ी संख्या में युवा विदेश जाने लगे. अवैध एजेंटों ने युवाओं को जर्मनी, यूके, कनाडा और अमेरिका पहुंचाया. लेकिन 1994 के बाद, जब आतंकवाद का दौर खत्म होने लगा, तो पंजाब में एजेंटों का यह धंधा एक विशाल इंडस्ट्री बन गया.

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस इंडस्ट्री का वार्षिक गैर-कानूनी टर्नओवर सैकड़ों करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. गैर-कानूनी तरीके से विदेश भेजने वाले सैकड़ों एजेंटों ने बड़े-बड़े शोरूम और सड़क किनारे ऑफिस खोल लिए हैं.

नए तरीकों से मैदान में बड़े खिलाड़ी (Donkey Route)

इस दौरान, गैर-कानूनी तरीके से विदेशों में पैसा भेजने वालों ने कई नए रास्ते खोज लिए. खेल प्रतियोगिताओं, स्कूल-कॉलेजों के टूर और बड़े गायकों के विदेशी दौरे तक कबूतरबाजी के धंधे में शामिल हो गए.

पंजाब के कबड्डी क्लबों और खेल प्रमोटरों ने टीमें बनाकर खिलाड़ियों को विदेशी क्लबों के साथ मैचों के लिए भेजना शुरू किया. वहां से खिलाड़ी कबूतरों की तरह उड़ने लगे और अवैध रूप से बस गए. पंजाब के एक वरिष्ठ खेल अधिकारी की पहचान एक मास्टरमाइंड के रूप में हुई है, जिसने प्रायोजित टीमों में फर्जी पहलवानों को विदेश भेजा.

एक पूर्व कबड्डी खिलाड़ी, जो बाद में पुलिस अफसर बना, ने भी इस धंधे से लाखों रुपये कमाए.