गोविन्द पटेल, कुशीनगर. मदनी मस्जिद को धरासाई करने के लिए 54 दिन बाद योगी सरकार का बुलडोजर पहुंचा. भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की गई. 18 दिसंबर से शुरू हुई जांच 23 दिसंबर को पूरी होने के बाद मदनी मस्जिद के पक्षकारों से नगरपालिका ने नोटिस जारी कर मस्जिद इंतजामिया कमेटी से नक्शा और इससे जुड़ी पत्रावलियों को प्रस्तुत करने का 3 बार समय दिया. लेकिन तय समय में पत्रावली प्रस्तुत नहीं करने पर निर्माण को अवैध मानते हुए नगर पालिका एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है.

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बता दें कि मस्जिद पक्षकारों ने हाई कोर्ट से 8 फरवरी तक स्टे लेकर योगी के बुलडोजर कार्रवाई पर ब्रेक लगा दिया था, लेकिन 9 फरवरी को स्टे खत्म होते ही भारी फोर्स के साथ 5 बुलडोजर के साथ अवैध हिस्से को गिराने का काम शुरू कर दिया गया. 1999 में जब मस्जिद का निर्माण शुरू हुआ था, उस समय सिर्फ 2 मंजिल भवन का नक्शा पास था. नियम को ताक पर रखकर 4 मंजिल और भूतल का निर्माण कराया गया है, जो अब विवाद का कारण बना हुआ था.

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इसी अवैध अतिक्रमण की शिकायत लगातार हिन्दू वादी नेता राम बच्चन सिंह द्वारा कई बार संबंधित विभाग से लेकर तत्कालीन सरकारों तक की गई थी, लेकिन शिकायत का कोई असर नहीं हुआ. 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी शिकायत हुई, लेकिन वह शिकायत भी कोई खास असर नहीं कर पाई. लेकिन जब शिकायतकर्ता राम बच्चन सिंह ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से मिलकर की तो सीएम योगी के हस्तक्षेप के बाद कुशीनगर प्रशासन हरकत में आ गया और हाटा नगर के करमहा चौराहे पर वार्ड नंबर 21 गांधी नगर में स्थित 4 मंजिला मदनी मस्जिद के भवन निर्माण की जांच शुरू कर दी थी.