Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को बोलने का मौका न मिलने से पार्टी के भीतर मतभेद उभरकर सामने आए। सत्ता पक्ष का आरोप है कि कांग्रेस का एक धड़ा जूली को संबोधन नहीं देने देना चाहता था, जिस कारण गतिरोध खत्म करने की कोई कोशिश नहीं की गई।

मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग का दावा है कि सत्ता पक्ष ने टीकाराम जूली से बातचीत की थी और वे गतिरोध खत्म करने के लिए सहमत भी थे। हालांकि, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने हंगामा जारी रखा, जिसके चलते जूली को बोलने का अवसर नहीं मिला।

कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई जारी

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता पक्ष विपक्ष से बातचीत कर गतिरोध खत्म करने का प्रयास करेगा। भाजपा इस गुटबाजी का राजनीतिक लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कांग्रेस की आंतरिक फूट को कई बार रेखांकित किया, जिससे स्पष्ट है कि भाजपा इस मुद्दे को सदन के भीतर और बाहर भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।

कांग्रेस ने गुटबाजी से किया इनकार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने गुटबाजी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी एक मजबूत रणनीति के तहत सदन में उतरी थी और आगे भी जनहित के मुद्दों पर सरकार की नीतियों का विरोध जारी रखेगी। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष के संबोधन न होने से कई कांग्रेस विधायकों ने निराशा व्यक्त की है। उनका मानना है कि विरोध को प्रश्नकाल के बाद समाप्त कर देना चाहिए था, लेकिन इसे लंबा खींचने से पार्टी को ही नुकसान हुआ।

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