प्रयागराज. महाकुंभ में देश-दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं के आने सिलसिला जारी है. श्रद्धालु बड़ी संख्या प्रयागराज पहुंचकर गंगा स्नान कर रहे हैं. महाकुंभ में 12 फरवरी को पूर्णिमा स्नान से पहले श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. भीड़ को देखते हुए प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद कर दिया गया है. भीड़ के कारण स्टेशन को पूर्णिमा तक बंद किया गया है. यह स्टेशन मेला क्षेत्र से एक किमी की दूरी पर है.

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बता दें कि हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ पहुंच रहे हैं. जिसकी वजह से लोगों की भीड़ प्रय़ागराज में देखने को मिल रही है. आलम ये है कि भीड़ को देखते हुए प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद करना का फैसला लिया गया है. हालांकि, स्टेशन कब तक बंद रहेगा, इसकी अभी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं है. माना जा रहा है कि पूर्णिमा तक स्टेशन को बंद रखा जा सकता है.

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45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.

महाकुंभ क्यों मनाया जाता है

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है. जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है..