लक्षिका साहू, रायपुर। यादें पुरानी थी…आंखें भर आईं थी… चेहरे पर कुछ देर तक खामोशी थी… मन खो गया था बीते लम्हों में, और दिल…दिल भावुक हो गया था… कुछ देर में ही बहुत कुछ हुआ था आज… आज मुख्यमंत्री साय के साथ.
स्कूल के दिन…परीक्षा की बात…और पिता की याद. पिता की यादों में कही-अनकही बहुत सी पुरानी बात. सब के सब आज याद आने लगी. आँखें डबडबाने लगी. डबडबाई आँखें, भावुक मन और मुख्यमंत्री साय से जुड़ी यह ख़बर आज परीक्षा पे चर्चा के दौरान की है.
स्कूली छात्रों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आज परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के छात्रों से चर्चा की. छत्तीसगढ़ में राजधानी स्थित पं. दीनदयाल सभागार में स्कूली छात्रों के लिए परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन था. इस आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए. पीएम के वर्चुअल क्लास के बाद सीएम ने छात्रों से बात की.
बातचीत के दौरान जब मुख्यमंत्री को अपने स्कूल के दिन याद आएं तो भावुक हो गए. दरअसल मुख्यमंत्री जब स्कूल में थे तभी उनके पिता का साया उनके सर से उठ गया था. पिता के निधन के बाद साय के ऊपर पारिवारिक जिम्मेदारियां आ गईं. पारिवारिक जिम्मेदारियों का असर ऐसा पड़ा कि सीएम साय को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी.
साइंस का तेज स्टूडेंट का था, टॉप आता था. हैंडराइटिंग बहुत अच्छी थी. शिक्षक दूसरे क्लास में ले जाकर हमारी कॉपी दिखाते थे. लेकिन 10 साल की उम्र में पिताजी का साया उठ गया. इसके बाद परिवार संभालने की चिंता हो गई. सोचे नहीं थे कि विधायक, सांसद, (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बनना है. पता होता तो और पढ़ लेते. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल की यह बात पत्रकारों से चर्चा में जुबां पर आ गई.
रायपुर के दीनदयाल ऑडिटोरियम में पीएम मोदी की परीक्षा पे चर्चा के जीवंत प्रसारण में स्कूली बच्चों के साथ शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पत्रकारों से अपने विद्यार्थी जीवन की स्मृतियाँ साझा की. उन्होंने बताया कि पिताजी के देहांत के समय मैं घर में सबसे बड़ा था. मुझसे छोटे तीन भाई थे, सबसे छोटा भाई दो महीने का था. मेरी चिंता भाइयों, माता और दादी को संभालने की थी. मैने सारी जिम्मेदारियों को निभाया, और अब छत्तीसगढ़ की सेवा का अवसर मिला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह उनकी आठवीं बार चर्चा है. आठ बार से चर्चा करते आ रहे हैं. पांच करोड़ बच्चों के साथ चर्चा की है. साल भर बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन परीक्षा के वक्त डर लगने लगता है. परीक्षा दूसरे की इच्छा है. कई बार ऐसे प्रश्न आते हैं, जिसे बनाने में कठिनाई होती है. परीक्षा के वक्त काफी दबाव होता है. सफलता नहीं मिलने पर बच्चे सुसाइड भी कर लेते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हैं. सलाह देते हैं, बच्चों के गुण समझाते हैं. प्रधानमंत्री का यह प्रयास सराहनीय है. करोड़ों बच्चों का चिंता इससे कम होगी. अभिभावकों को भी संदेश है कि अपने बच्चों पर अनावश्यक दबाव ना डाले, ताकि वो कोई गलत कदम न उठाये.
निकाय चुनाव में भी मिलेगी सफलता
नगरीय निकाय के सोमवार को होने वाले मतदान को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि उपचुनाव में जो सफलता मिली है, वहीं नगरीय निकाय चुनाव में भी मिलने वाला है. पूरे छत्तीसगढ़ में दौरे किए हैं, भव्य रोड शो हुआ है. महिलाओं में महतारी वंदन का बहुत उत्साह है. किसानों का बीजेपी पर भी विश्वास बना है. कांग्रेस को अब जनता वोट नहीं देने वाली क्योंकि उनको पता चल चुका है यह कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं. पंचायत चुनाव में भी हमारे समर्थित लोगों को भारी वोट से जनता जीत दिलाएगी.
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