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Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Vidhan Sabha Chunav) में इस बार दल बदलने वालों नेताओं का भी बल देखने को मिला। दिल्ली इलेक्शन (Delhi Elections 2025) से पहले पार्टी बदलने वाले नेताओं ने भी जीत दर्ज की है। वहीं कुछ ऐसा भी दलबदलू नेता है जिनकी इस चुनाव में दाल नहीं गली। आइए जानते है कौन किस पार्टी से दलबदल कर विधानसभा की दहलीज पर पहुंचा है…
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कई नेता ऐसे रहे जिन्होंने लहर को पहले ही भांपते हुए पाला बदल लिया था। दल-बदलकर उन्होंने न केवल जीत दर्ज की बल्कि अपने राजनीतिक सफर को भी जारी रखने में कामयाबी हासिल की। ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में आज आपको बता रहे है…
AAP से BJP में गए, फिर भी चखा जीत का स्वाद
आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता व दिल्ली सरकार में पूर्व परिवहन मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने दिल्ली चुनाव से पहले पाला बदल लिया था। उन्होंने AAP छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने उन्हें बिजवासन सीट से चुनावी मैदान में उतारा। गहलोत ने भाजपा का भरोसा नहीं तोड़ा और उन्होंने 11 हजार 276 मतो सें विजय पताका लहराई।
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लवली ने भी मारी बाजी
अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस से नाराज होकर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था। भाजपा ने उन्हें गांधीनगर सीट से टिकट दिया। अरविंद सिंह लवनी ने पार्टी बदलने के बाद भी जीत हासिल की।
दल बदलकर जीते करतार
साल 2020 में आम आदमी पार्टी के विधायक रहे करतार सिंह तंवर ने भी इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्होंने दिल्ली की छतरपुर सीट से जीत हासिल की।
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तरविंदर भी बने सिकंदर, मनीष को दी मात
तरविंदर सिंह मारवाह ने भी चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। भारतीय जनता पार्टी ने तरविंदर को जंगपुरा की जंग में उतारा। जहां उन्होंने आम आदमी पार्टी के दूसरे बड़े नेता मनीष सिसोदिया को 675 वोटों के अंतर से पराजित किया।
कांग्रेसी से ‘आप’ में आए और विधानसभा पहुंचे
कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में पहुंचे चौधरी जुबैर अहमद ने भी मुस्लिम बहुल सीट सीलमपुर से जीत दर्ज की है। उनके पिता मतीन अहमद पुराने कांग्रेसी रहे हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से पांच बार विधायक भी रहे।
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बीजेपी में जाकर मारी बाजी
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नीरज बसोया का राजनीतिक सफर भी अब दोबारा शुरू हो गया है। वह 2008 में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधायक रह चुके हैं। इस बार कांग्रेस में तरजीह नहीं मिलने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा और एक बार फिर विधानसभा की दहलीज पर पहुंचे।
पार्टी बदलने के बाद भी इनकी दाल नहीं गली
दिल्ली चुनाव 2025 में दल बदलने वाले सभी नेताओं को कामयाबी नहीं मिली है। इनमें कुछ ऐसे भी नेता है, जो पार्टी बदलने के बाद भी अपनी दाल नहीं गला सके और चुनावी मैदान में उन्हें शिकस्त खानी पड़ी। भारतीय जनता पार्टी से आम आदमी पार्टी में गए जितेंद्र सिंह शंटी ने शाहदरा सीट, बीबी त्यागी ने लक्ष्मी नगर सीट और सुरेंद्र पाल सिंह ने तिमारपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।
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