चंडीगढ़. आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) मंगलवार को दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann), राज्य के मंत्रियों और पार्टी विधायकों से मुलाकात करेंगे. यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP की हार और पार्टी की पंजाब इकाई में बढ़ते असंतोष की चर्चाओं के बीच हो रही है. ऐसी अटकलें हैं कि केजरीवाल अब पंजाब की राजनीति में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने पर विचार कर सकते हैं.

लुधियाना (Ludhiana) की विधानसभा सीट फिलहाल खाली है, जिससे राजनीतिक विश्लेषकों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि केजरीवाल वहां से चुनाव लड़ सकते हैं और पंजाब सरकार का हिस्सा बन सकते हैं. पंजाब में AAP के भीतर असंतोष की खबरों के बीच यह बैठक अहम मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि कुछ विधायक पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट हैं और अन्य राजनीतिक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.

हालांकि, AAP सांसद मलविंदर सिंह कंग (Malwinder Singh Kang) ने इन अटकलों को नकारते हुए बैठक को ‘नियमित रणनीति सत्र’ बताया. उन्होंने कहा, ‘पार्टी में इस तरह की चर्चाएं सामान्य हैं. भविष्य की योजनाओं को लेकर सभी इकाइयों से फीडबैक लिया जाता है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP विधायक अरविंद केजरीवाल से मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे.’

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में दिल्ली चुनाव परिणामों का विश्लेषण और 2027 में होने वाले पंजाब चुनावों के लिए रणनीति बनाने पर चर्चा होगी.

पंजाब में मध्यावधि चुनाव की संभावना : रंधावा

कांग्रेस (Congress) सांसद और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने सोमवार को दावा किया कि राज्य में मध्यावधि चुनाव हो सकता है, क्योंकि दिल्ली में AAP की हार के बाद पार्टी के कई विधायक इस्तीफा दे सकते हैं.

रंधावा ने कहा, ‘मध्यावधि चुनाव होगा. अगर कुछ नेता भाजपा (BJP) में जाते हैं तो उपचुनाव होंगे. भगवंत मान का कोई नियंत्रण नहीं है… इसलिए संभावना है कि मध्यावधि चुनाव होगा. अगर AAP विधायक किसी अन्य दल में जाते हैं, तो वे कांग्रेस में आएंगे क्योंकि भाजपा का पंजाब में कोई भविष्य नहीं है. मैं कांग्रेस आलाकमान से आग्रह करना चाहूंगा कि हमें उनके विधायकों और मंत्रियों को अपने साथ लेने से बचना चाहिए.’