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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय में खनन विभाग, आईआईटी रुड़की, मोनाश यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया और उद्यम प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव ने राज्य में दुर्लभ खनिजों (Critical Mineral) के अनुसंधान के लिए उत्तराखण्ड सरकार और आईआईटी रुड़की के मध्य भागीदारी पर विस्तृत चर्चा की. मुख्य सचिव ने खनन विभाग को भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप खनिज संपदा में आत्मनिर्भरता बनाए रखने के लिए राज्य में खनिज संपदा की खोज के संबंध में वर्किंग प्लान बनाने के निर्देश दिए.
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सीएस ने खनन विभाग, आईआईटी रुड़की तथा उद्यमियों को क्रिटिकल मिनरल की खोज, निष्कासन, प्रसंस्करण और रिसाइकलिंग के लिए कार्य प्रणाली (Methodology) विकसित करने के लिए R & D पर फोकस करने के निर्देश दिए. उन्होंने राज्य में खनिज सम्पदा में आत्मनिर्भरता के लिए राज्य सरकार, शिक्षा क्षेत्र और उद्योग जगत के बीच सहयोग, साझेदारी और पूरकता के सिद्धांतों पर एक साझा मंच विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए.
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विशेषज्ञों का सहयोग आवश्यक
सीएस ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों के मूल्यांकन, अन्वेषण, निष्कर्षण, खनन स्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण में अग्रणी विशेषज्ञों का सहयोग लेना आवश्यक है, जिसमें आईआईटी रुड़की की प्रमुख भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण खनिज प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता विकसित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं और व्यावहारिक अनुसंधान और क्षमता निर्माण को मजबूत करना आवश्यक है.
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