इस्पात आयात पर शुल्क लगाने की अमेरिकी सरकार की घोषणा पर सोमवार को उद्योग निकाय इंडियन स्टील एसो ने “गहरी चिंता” व्यक्त की. ISA के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने एक बयान में कहा कि इस कदम से वैश्विक व्यापार में व्यवधान बढ़ेगा और इस्पात उद्योग के लिए चुनौतियां बढ़ेंगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह दुनिया भर से एल्युमीनियम और इस्पात के सभी आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा करेंगे. Jindal Steel and Power के चेयरमैन ने कहा “ISA इस्पात आयात पर शुल्क लगाने के अमेरिकी निर्णय पर गहरी चिंता व्यक्त करता है.”

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अमेरिका, इस्पात के सबसे बड़े आयातकों में से एक, ने ऐतिहासिक रूप से कड़े व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें 30 से अधिक उपचारात्मक कदम शामिल हैं, जिनमें से कुछ तीन दशक से भी अधिक पुराने हैं, और इस नवीनतम शुल्क से अमेरिका को होने वाले इस्पात निर्यात में 85% की गिरावट होने की आशंका है. इससे बड़ा अधिशेष पैदा होगा, जिससे प्रमुख बाजारों में से एक भारत में भरमार हो जाएगी.

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जिंदल ने कहा कि नया फैसला केवल समस्या को बढ़ा देगा और स्थिति को और बदतर बना देगा क्योंकि अमेरिका ने भारत से डंपिंग-रोधी शुल्क और प्रतिकारी शुल्क उपायों के कारण पहले से ही कम कार्बन स्टील निर्यात किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा वैश्विक इस्पात के लिए अपने दरवाजे बंद करने के साथ घरेलू बाजार में अधिशेष उत्पादों के आने से कीमतों में गिरावट और अनुचित प्रतिस्पर्धा का खतरा होगा.