CIBIL Score: देश में अब शादी (Marriage) तय करने का तरीका बदलने लगा है। जीवनसाथी को चुनने से पहले शक्ल-सूरत के अलावा कुंडली, गुण, पारिवारिक पृष्ठभूमि के अलावा बैंक बैलेंस भी महत्वपूर्ण हो गया है। बैंक बैंलेस को लेकर महाराष्ट्र से शादी टूटने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां परिवार शादी की तैयारियों के अंतिम चरण में थे, आपसी सहमति बन चुकी थी और तैयारियां चल रही थीं। हालांकि, एक औपचारिक बैठक के दौरान, दुल्हन के मामा ने भावी दूल्हे की CIBIL रिपोर्ट की समीक्षा करने का अनुरोध किया। रिपोर्ट की समीक्षा करने पर, दुल्हन के परिवार को यह जानकर झटका लगा कि दूल्हे ने विभिन्न बैंकों से कई ऋण लिए हुए थे, जिसके परिणामस्वरूप उसका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) काफी कम हो गया था। इससे उसके वित्तीय प्रबंधन और स्थिरता को लेकर चिंताएं पैदा हुईं। इसके बाद दूल्हे का सिबिल स्कोर (CIBIL Score) कम होने के कारण दुल्हन के परिवार ने रिश्ता होने से पहले तोड़ दिया।
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दरअसल ये हैरान करने वाला मामला महाराष्ट्र के मुर्तिजापुर (Murtizapur) के अकोला का है। रिपोर्ट के मुताबिक शादी की बातचीत आखिरी चरण में चल रही थी। दोनों पक्षों में शादी को लेकर सहमति भी बन चुकी थी। दोनों परिवारों ने शादी की तैयारियां भी जोर-शोर से शुरू कर थी। हालांकि इस बीच लड़की के रिश्तेदारों ने लड़के के सिबिल स्कोर के बारे में जानकारी मांगी और बात यहीं से बिगड़ गई।
सिबिल स्कोर की जांच में सामने आया कि लड़के का क्रेडिट स्कोर खराब था। उसने कई बैंकों से लोन ले रखा था। लड़की के रिश्तेदारों का कहना है कि अगर कोई इंसान शादी से पहले ही कर्ज में दबा है तो वह शादी के बाद अपनी पत्नी को वित्तीय सुरक्षा कैसे दे सकता है? इसके बाद परिवार ने शादी न करने का फैसला लिया। सिबिल स्कोर के आधार पर तोड़े गए इस विवाह प्रस्ताव की चर्चा खूब है।
लड़की के मामा ने दिया ये तर्क?
दरअसल एक अहम रस्म के दौरान लड़की के मामा ने अपने होने वाले दामाद से सिबिल स्कोर दिखाने की मांग की। इस मांग के बाद लड़के का परिवार सकपका गया। हालांकि लड़के ने अपना सिबिल दिखाया और जब मामाजी ने ये स्कोर देखा तो उन्हें समझ आया कि लड़के ने कई बैंकों से कर्ज लिया था और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी। जिसके बाद लड़की के मामा ने तुरंत ही इस शादी के लिए मना कर दिया और तर्क देते हुए कहा कि जो लड़का पहले से ही कर्ज में डूबा है, वो हमारी बेटी का भविष् कैसे सुरक्षित रखेगा। अब यहां तो एक मामा ने अपनी भांजी का भविष्य खराब होने से बचा लिया. ऐन मौके पर तैयारियां धरी रह गई और फिर शादी टूट गई।
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क्या होता है सिबिल स्कोर
दरअसल सिबिल स्कोर आमतौर पर बैंक वाले करते हैं, वह भी तब जब आप लोन लेने जाते हैं। सिबिल स्कोर इस बात को दर्शाता है कि अगर आपको लोन दिया जाए, तो क्या आपकी क्षमता है कि आप उसे लौटा देंगे। यह एक तरह से आपकी हिस्ट्री को बैंक के सामने खोल के रख देता है। इसमें आपका ट्रैक रिकॉर्ड होता है कि आपने कितने लोन ले रखें है। आप कितने लोन को समय पर चुकाने में सफल रहे हैं।
क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। अधिकांश बैंक 685 क्रेडिट स्कोर से नीचे लोन नहीं देते हैं। अगर किसी बैंक ने यह जोखिम उठाया तो वह शख्स पर भारी भरकम ब्याज भी लगाएगा। क्रेडिट स्कोर को ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड (CIBIL) नाम की कंपनी तय करती है। अगर किसी शख्स का क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो उसे लोन मिलने में बेहद असानी होगी। यह स्कोर 750 से अधिक होने पर अच्छा माना जाता है।
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