UP Gangsters Act : यूपी गैंगस्टर एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है. आगरा के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है. कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में दर्ज FIR को ने रद्द करते हुए कहा कि सख्त कानूनों के तहत मुकदमा दर्ज होने पर सख्त जांच जरूरी है.

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संपत्ति या वित्तीय विवादों में इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स अधिनियम जैसे कड़े कानूनों के तहत दर्ज एफआईआर की सख्त जांच आवश्यक है. कोर्ट ने आगरा के बमरौली कटरा थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज FIR को रद्द कर दिया.

कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को अधिनियम के कड़े प्रावधानों को लागू करने में अप्रतिबंधित विवेक नहीं दिया जा सकता है. न्यायालयों को गैंगस्टर अधिनियम जैसे कठोर कानूनों के तहत अभियोजन की अनुमति देने से पहले वैधानिक आवश्यकताओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए.

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UP Gangsters Act : कोर्ट की अहम टिप्पणी

भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को केवल इस कारण से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जब अधिनियम को लागू करने की बात आती है तो संबंधित अधिकारियों को कोई भी अप्रतिबंधित विवेक देना स्पष्ट रूप से नासमझी होगी. कोई प्रावधान जितना कठोर या दंडात्मक होगा, उसे सख्ती से लागू करने पर उतना ही अधिक जोर और आवश्यकता होगी.