हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर और उसके आसपास के क्षेत्रों के तेज विकास को सुनिश्चित करने के लिए इंदौर मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (IMDA) बनाने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री के विजन के तहत यह अथॉरिटी औद्योगिक, चिकित्सा, शिक्षा, परिवहन और कृषि समेत सभी क्षेत्रों का समग्र विकास करेगी। इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 243 के अनुसार, 10 लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्र को मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित किया जाता है। इंदौर की शहरी आबादी के साथ-साथ उसके परिधीय क्षेत्रों की विकास दर 50% तक पहुंच चुकी है, जिससे अनियोजित विकास की स्थिति बन रही है।

विकास की एकीकृत योजना

अब शहर और आसपास के इलाकों का विकास एक समग्र योजना के तहत होगा। साथ ही नगर निगम, IDA, MPIDC और अन्य एजेंसियों को एक सामूहिक दिशा मिलेगी। और ट्रांसपोर्ट, उद्योग, पानी और बुनियादी सुविधाओं की बेहतर प्लानिंग होगी। नई कॉलोनियों, फैक्ट्रियों और कमर्शियल एरिया का विकास सुव्यवस्थित ढंग से किया जाएगा। मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी के तहत इंदौर, उज्जैन, देवास, धार और शाजापुर के कुछ हिस्सों को जोड़ा जाएगा। इस क्षेत्र का कुल दायरा 31360.6 वर्ग किलोमीटर होगा, जिससे इंदौर को गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी की तर्ज पर मेट्रोपॉलिटन विकास मॉडल मिलेगा।

क्या होगा असर?

औद्योगिक और आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी।योजनाओं का क्रियान्वयन तेज़ और प्रभावी होगा। पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस मॉडल के लिए हैदराबाद, गुजरात, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर जैसी जगहों का अध्ययन किया है। इस योजना के लागू होने के बाद इंदौर मध्यप्रदेश का पहला मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बन सकता है, जिससे यहां का विकास और तेज होगा।

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