Rajasthan News: राजस्थान के कोटा जिले के गड़ेपान सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में शनिवार को गैस रिसाव की वजह से हड़कंप मच गया। इस घटना में 14 छात्र और एक स्टाफ सदस्य प्रभावित हुए, जिन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह गैस रिसाव चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल लिमिटेड (CFCL) की फैक्ट्री से हुआ, जो स्कूल के पास स्थित है।

कैसे हुआ हादसा?

सुबह करीब 11 बजे जब स्कूल में कक्षाएं चल रही थीं, तभी अमोनिया गैस का रिसाव हुआ। गैस तेजी से स्कूल परिसर तक पहुंची, जिससे कई बच्चों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। कुछ छात्र बेहोश होकर स्कूल ग्राउंड में गिर पड़े, जबकि कुछ को उल्टियां और घुटन की शिकायत हुई।

अस्पताल में भर्ती, सभी सुरक्षित

गैस रिसाव के तुरंत बाद बच्चों को CFCL की फैक्ट्री स्थित अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के डॉक्टर आर.के. शर्मा ने बताया कि 14 बच्चों और एक स्टाफ मेंबर को लाया गया, जिनमें से 6 बच्चों को कोटा जिला अस्पताल रेफर किया गया। फिलहाल सभी की हालत स्थिर है और खतरे से बाहर हैं।

प्रशासनिक अधिकारियों ने संभाली स्थिति

घटना की सूचना मिलते ही कोटा कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी, डीएसपी राजेश ढाका और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीएसपी ने बताया कि सुबह करीब 10:30 बजे छात्राएं स्कूल परिसर के बाहर पानी भरने गई थीं, तभी उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी।

सांसद और विधायक ने लिया संज्ञान

गैस रिसाव की गंभीरता को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष और कोटा के सांसद ओम बिरला ने प्रशासन से पूरे मामले की जानकारी ली। वहीं, विधायक संदीप शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन प्रभावित छात्रों से मिलने अस्पताल पहुंचे।

फैक्ट्री की सुरक्षा पर उठे सवाल

CFCL फैक्ट्री स्कूल से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है और इसकी बाउंड्री स्कूल से सटी हुई है। ऐसे में फैक्ट्री की सुरक्षा मानकों और गैस रिसाव की रोकथाम को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

गैस रिसाव की घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि फैक्ट्री के पास स्कूल और रिहायशी इलाकों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपायों को कड़ा किया जाना चाहिए। लोगों ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

अधिकारियों ने क्या कहा?

मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम स्कूल और अस्पताल में निगरानी कर रही है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि फैक्ट्री प्रबंधन से इस लापरवाही पर जवाब मांगा जाएगा और यदि कोई चूक पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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