Earthquake In India: दिल्ली-NCR, हरियाणा, यूपी, बिहार, सिक्किम और ओडिशा… ये वो राज्य हैं, जहां देश की रहने वाली आधी आबादी को भूकंप के तेज झटकों ने हिलाकर रख दिया। रिएक्टर स्केल पर 2.3 की तीव्रता से लेकर 4.7 तीव्रता के आए भूकंप ने लोगों को डरा दिया। जो लोग नींद में थे उनकी नींद खुल गई और वो अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। क्या इंसान और पशु-पक्षी सभी इधर-उधर भागते दिखे। एक साथ कुछ घंटों के अंदर आए देश के पांच राज्यों में आए भूकंप से ऐसा लगा मानो धरती अलार्म दे रही हो कि प्रलय आने वाली है।
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सुबह के 5.36 बजे थे। दिल्ली-एनसीआर की ज्यादातर आबादी सो रही थी। जल्दी दफ्तर जाने वाले लोग वॉशरूम में थे। तभी अचानक तेज गड़गड़ की आवाज सुनाई देने लगी। गड़गड़ाहट के साथ खिड़कियों के शीशे और फर्नीचर भी हिलने लगे। किचन में मौजूद लोगों ने देखा RO में जबर्दस्त कंपन थी। सोये हुए लोग झटके में जग गए। पंखे हिलने लगे। ऐसा लगा जैसे घर का सारा सामान कांप रहा हो।
बिहार में 4.0 तीव्रता का भूकंप
दिल्ली-NCR के बाद बिहार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली में भूंकप आने के लगभग ढाई घंटे बाद बिहार में भूंकप ने सभी को हिलाकर रख दिया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 रही। सिवान इसका केंद्र था। बिहार में आए भूंकप के झटके ने बंगाल से लेकर सिक्किम तक की धरती को हिलाकर रख दिया। सुबह लगभग 8.02 बजे भूकंप के कंपन महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। हालांकि कहीं से किसी तरह की नुकसान की खबर नहीं है। हालात सामान्य है।
ओडिशा के पुरी में 4.7 की तीव्रता वाला भूकंप
दिल्ली-एनसीआर और बिहार समेत ओडिशा के पुरी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पुरी में आए भूकंप ने भी लोगों को डरा दिया। दिल्ली से भी ज्यादा जोरदार पुरी का भूकंप रहा। पुरी में आए भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी गई। दिल्ली-एनसीआर में तो लोगों ने भूकंप की आवाज भी सुनी।
हरियाणा और सिक्किम में भी भूकंप
दिल्ली, बिहार और ओडिशा की तरह सुबह-सुबह हरियाणा और सिक्किम की धरती भी कांप उठी। हरियाणा में रिएक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता वाले आए भूकंप ने पूरे हरियाणा को हिला दिया। साथ ही पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में भी 2.3 की तीव्रता वाले भूकंप ने सभी को डरा दिया।
जानिए कहां-कैसा आया भूकंप
दिल्ली-एनसीआर के बाद बिहार, हरियाणा, ओडिशा, सिक्किम और बांग्लादेश में भूकंप आया. सभी जगह लोग भूकंप से डर गए. चलिए जानते हैं कहां-कैसा भूकंप आया।
-दिल्ली-एनसीआर- 4 की तीव्रता
-सिक्किम- 2.3 की तीव्रता
-ओडिशा का पुरी- 4.7 की तीव्रता
-बिहार का सीवान- 4 की तीव्रता
-हरियाणा- 4 की तीव्रता
बांग्लादेश- 3.5 की तीव्रता
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भारत में भूकंपीय क्षेत्रों की सूची
बीते समय आए भूकंप और भूकंपीय इतिहास के आधार पर, भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों यानी की जोन- II, जोन- III, ज़ोन- IV और ज़ोन- V में बांटा है। इन चारों जोन में जोन-5 सर्वाधिक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र है, जबकि जोन-2 सबसे कम है।
जोन-V में पूरा पूर्वोत्तर भारत आता है, इसमें जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्से, लद्दाख के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तर बिहार के कुछ हिस्से और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।
जोन-IV में जम्मू और कश्मीर के शेष हिस्से, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश, केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के पास महाराष्ट्र के छोटे हिस्से और राजस्थान शामिल हैं।
जोन-III में केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीप समूह, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के कुछ हिस्से, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।
जोन-II में देश के अन्य शेष हिस्सों को शामिल किया गया है।
विभिन्न रिएक्टर स्केलों पर भूकंप
रिएक्टर स्केल के अनुसार 2.0 की तीव्रता से कम वाले भूकंपीय झटकों की संख्या रोजाना लगभग आठ हजार होती है, जो इंसान को महसूस ही नहीं होते।
9.0 से लेकर 9.9 तक के पैमाने का भूकंप हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में तबाही मचा सकता है, जो 20 साल में लगभग एक बार आता है।
2.0 से लेकर 2.9 की तीव्रता वाले लगभग एक हजार झटके रोजाना दर्ज किए जाते हैं, लेकिन आम तौर पर ये भी महसूस नहीं होते।
रिएक्टर स्केल पर 3.0 से लेकर 3.9 की तीव्रता वाले भूकंपीय झटके साल में लगभग 49 हजार बार दर्ज किए जाते हैं, जो अक्सर महसूस नहीं होते, लेकिन कभी-कभार ये नुकसान कर देते हैं।
4.0 से 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप साल में लगभग 6200 बार दर्ज किए जाते हैं। इस वेग वाले भूकंप से थरथराहट महसूस होती है और कई बार नुकसान भी हो जाता है।
5.0 से 5.9 तक का भूकंप एक छोटे क्षेत्र में स्थित कमजोर मकानों को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाता है, जो साल में लगभग 800 बार महसूस होता है।
6.0 से 6.9 तक की तीव्रता वाला भूकंप साल में लगभग 120 बार दर्ज किया जाता है और यह 160 किलोमीटर तक के दायरे में काफी घातक साबित हो सकता है।
7.0 से लेकर 7.9 तक की तीव्रता का भूकंप एक बड़े क्षेत्र में भारी तबाही मचा सकता है और जो एक साल में लगभग 18 बार दर्ज किया जाता है।
रिएक्टर स्केल पर 8.0 से लेकर 8.9 तक की तीव्रता वाला भूकंपीय झटका सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में भीषण तबाही मचा सकता है, जो साल में एकाध बार महसूस होता है।
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