धर्मेंद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शिक्षक ने शादी के चंद दिनों बाद ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नव दंपति 13 दिनों तक एक साथ रहे। युवक की मौत के बाद दोनों पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। मामला फूप सदर बाजार का है।

शादी के 13 दिन का साथ और पति ने लगा ली फांसी

दरअसल, 21 जनवरी को शासकीय शिक्षक सतीश शिवहरे की शादी दीप्ति शिवहरे से हुई थी। विवाह के 13 दिनों तक दोनों एक साथ रहे। इसके बाद 14 फरवरी को युवक ने अपने घर पर शाम को फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।  

मृतक की मां का आरोप- बेटे को छूने नहीं देती थी बहू

मृतक की मां सावित्री शिवहरे ने अपनी बहू पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया, “बहू अपने पति को टच तक नहीं करने देती थी। इसलिए दोनों के बीच में विवाद होता रहता था। हमारे बच्चे की शादी तो हो गई थी मगर दीप्ति उसके साथ सोती नहीं थी। हमारे समझाने के बावजूद भी दोनों के बीच विवाद होता रहता था।”

बहू बोली- मेरा मेडिकल कराया जाए 

वहीं सास के आरोप पर पत्नी ने कहा, “पति दिन-रात को एक ही बात कहता था कि मुझे 5 लाख रुपए का कर्ज देना है और हमारे पास पैसा नहीं है। कई बार नजरअंदाज किया क्योंकि पिता लंबे समय से बीमारी से पीड़ित हैं। मेरी सास जो गंदे आरोप लगा रही है वह निराधार है। वह सभी से कह रही है कि मैं उनके बेटे को हाथ नहीं लगाने देती थी। तो मेरा मेडिकल कराया जाए। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।” दीप्ति ने इस मामले में SP असित यादव को आवेदन दिया है। साथ ही महिला थाने में भी अपना बयान दर्ज कराया है।

युवती के पिता ने कही ये बात

युवती के पिता मनमोहन ने इस मामले में कहा, “बच्ची की शादी में 15 लाख रुपए दिए थे जिसका सबूत भी है। सतीश के घर वालों ने कहा था कि हमारे पास रहने के लिए अच्छा घर नहीं है। इसलिए अभी शादी नहीं करेंगे। इस पर हमनें पैसा देने की बात कही थी। शादी के समय पांच लाख रुपए दिए और लगन के समय 5 लाख रुपए दिया। 3 लाख रुपए के जेवर भी दिए जिनका बिल रखा हुआ है। साथ ही 2 लाख रुपए की पोस्ट ऑफिस में एफडी भी करवाई है।” 

पिता बोले- बेटी को दिन भर पैसों के लिए परेशान करते थे

उन्होंने आगे बताया कि “एफ डी इसीलिए करवाई थी क्योंकि जब सतीश अपना घर बना लेंगे तो समान खुद से खरीद लेंगे। जो सामान शादी में दिया जाता है वह नहीं दिया गया। क्योंकि उनके पास सामान रखने के लिए जगह नहीं थी। वह शासकीय शिक्षक था, इसीलिए हमने अपनी बच्ची की शादी उससे की थी। मैं बीमारी से पीड़ित रहता हूं। इसलिए बेटी की ऐसी जगह की थी कि वह जिंदगी भर परेशान न रहे। हमें पता नहीं था कि हमारे साथ इतना बड़ा छलावा किया जाएगा। हमें पता होता तो हम और पैसा दे देते जिससे  उसका कर्ज खत्म हो जाता। वह दीप्ति को दिन पर दिन परेशान करता रहता था।  उसने हमें कई बार फोन में बताया भी था। लेकिन हमारे पास उस समय पैसा नहीं था। इंतजार कर रहे थे कि समय आएगा तो जरुर मदद करेंगे।”

इस मामले में थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत ने कहा कि यह जांच का विषय है। जो भी तथ्य निकल कर आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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