दीपक सोहले, बुरहानपुर। मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में यह दावे सिर्फ कागजों की ही शोभा बढ़ा रहे हैं। आज भी कुछ ऐसे जिले हैं जहां न स्कूल और न कोई ओर व्यवस्था। हम बात कर रहे हैं बुरहानपुर जिले की। जहां एक ऐसा गांव है, जो ग्राम पंचायत रायगांव का एक बड़ा हिस्सा है। लेकिन यहां के नौनिहालों के पढ़ने के लिए न तो आंगनबाड़ी है और न ही कोई स्कूल।

यूनियन कार्बाइड के कचरे पर HC में सुनवाई, सरकार पेश करेगी एक्शन टेकन रिपोर्ट, 20 साल पहले याचिका लगाने वाले शख्स की हो चुकी है मौत

जिले का ग्राम पंचायत रायगांव का एक गांव शंकर नगर, जहां करीब 80 से 100 घर हैं। जिनकी आबादी करीब 800 की है। जिसमें 400 तो केवल बच्चे ही हैं। यहां किसी घर में पांच तो किसी घर में 8 बच्चे हैं, बावजूद यहां न तो कोई आंगनबाड़ी है और न ही कोई स्कूल। यहां बच्चे पढ़ना चाहते हैं, किंतु रायगांव दूर होने के कारण बच्चे सड़क पर एक्सीडेंट के डर से नहीं जाते। ऐसे में बच्चों ने अशिक्षा को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया। दिनभर गांव में घूमने और मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं।

काल बनी जेसीबी: चपेट में आने से बच्ची की दर्दनाक मौत, गुस्साए लोगों ने किया चक्काजाम

कई बच्चे तो पढ़ना भी चाहते हैं। किंतु जिला प्रशासन के अनदेखी के चलते नहीं पढ़ पा रहे हैं। सरकार इन नौनिहालों के लिए करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर रही। ताकि कस्बे-कस्बे में स्कूल खुले, आंगनबाड़ी खुले और देश का हर बच्चा शिक्षावान बने, अच्छा नागरिक बने। लेकिन जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम शंकर नगर पहुंची, तो वहां बच्चे ही बच्चे नजर आए। यहां के पालकों और बच्चों से चर्चा की गई तो उन्होंने भी मांग की है कि गांव में स्कूल और आंगनबाड़ी बनना चाहिए। जब इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी से चर्चा कि उन्होंने कहा कि यदि वहां स्कूल और आंगनबाड़ी नहीं है और छात्रों की संख्या है तो इसे देखते हुए शासन को पत्र लिखकर मांग की जाएगी।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H