कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। देश भर में इन दिनों तलाक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पति-पत्नी ने ऐसा खेल खेला कि हर कोई अचंभित हो गया। यहां पत्नी ने गुजारा भत्ता पाने और पति ने पैसे न देने के लिए एक षड्यंत्र रचा। लेकिन वे कोर्ट की आखों में धूल नहीं झोंक सके और उनकी पोल खुल गई।

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बताया जा रहा है कि पत्नी को गुजारा भत्ता न देना पड़े, इसके लिए  पति ने पत्नी की फर्जी पे-स्लिप बना दी। वहीं पत्नी ने ज्यादा गुजारा भत्ता हासिल करने खुद को लाचार, बेसहारा और गरीब बता दिया। 

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गुजारा भत्ता चाहिए और साथ भी नहीं रहना

दरअसल, रिटायर्ड डीएसपी और उसकी पत्नी के बीच कुटुंब न्यायालय में तलाक का केस चल रहा था। रिटायर्ड डीएसपी ने अपनी पत्नी के साथ रहने की याचिका लगाई। लेकिन पत्नी तलाक और गुजारा भत्ता पाने की जिद में अड़ी रही। उसने कोर्ट में गुजारा भत्ता की मांग करते हुए खुद को लाचार, गरीब भी बताया। हालांकि शख्स अपनी पत्नी के बारे में सब कुछ जानता था। ऐसे में उसने कोर्ट में सबूत पेश करते हुए बताया कि पत्नी गरीब नहीं है, बल्कि उसके पास एक फ्लैट और एक कार भी है। कोर्ट में गलत जानकारी देने पर उसने पत्नी पर कानूनी कार्रवाई की मांग की।

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पत्नी की बनवाई फर्जी पे-स्लिप

इस मामले में शातिर पति ने अपनी पत्नी को भरण पोषण देने से बचने के लिए पत्नी की झूठी पे स्लिप कोर्ट में पेश कर दी। उसने दावा किया की पत्नी हजारों रुपए महीना कमा रही है। उसे भरण पोषण की ऐसी स्थिति में क्या जरूरत है? यह फर्जी दस्तावेज असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर पति ने अपने छोटे भाई और एक बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर की मदद से तैयार करवाया। इस मामले में पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई और कोर्ट में जब परिवाद लगाया गया तो पति की पोल खुल गई। ऐसे में पति उसके भाई और सप्लायर पर एफआईआर दर्ज हुई।

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फर्जीवाड़े के लिए सारी हदें की पार, पति फरार

इसी तरह के फर्जीवाड़े का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था। जिसमें पति ने अपनी पत्नी से छुटकारा पाने और प्रेमिका के साथ जीवन बिताने के लिए फर्जीवाड़े की सारी हदें ही पार कर दी। जीवाजी विश्वविद्यालय के एक पूर्व प्रोफेसर ने अपनी पत्नी के साथ रहते हुए ही तलाक का केस लगाया। पत्नी को मामले का पता न चले, इसलिए अपने घर का पता डीडी नगर तो वहीं पत्नी का पता जीवाजी विश्वविद्यालय कैंपस लिखवाया। 

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कोर्ट से नोटिस आया तो पत्नी की ओर से खुद कर दिए साइन

कोर्ट से जब नोटिस आया तो पूर्व प्रोफेसर ने खुद ही पत्नी की ओर से साइन कर दिए। इस तरह चुपचाप बेहद शातिर तरीके से एक तरफा तलाक भी ले लिया। बाद में जब पत्नी को इसकी जानकारी लगी तो उसने तलाक निरस्त करवाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए पति पर केस भी दर्ज करवाया। छत्रपति अपनी प्रेमिका के संग फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। इस फर्जीवाड़े के कारण उसे नौकरी से भी निकाला जा चुका है।

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लीगल एक्सपर्ट बोले- झूठी जानकारी देना अपराध

पति-पत्नी और तलाक के इन मामलों में कोर्ट को गुमराह करते हुए गलत जानकारी देने के मामले में लीगल एक्सपर्ट का मानना है कि यह नियमों के तहत अपराध के दायरे में आता है। शासकीय अधिवक्ता एडवोकेट धर्मेंद्र शर्मा का कहना है कि जब पति-पत्नी केस फाइल करते हैं तो उन्हें शपथ पत्र के साथ सही जानकारी देनी होती है। यदि वह कोर्ट को गुमराह करते हुए गलत, भ्रामक या झूठी जानकारी देते हैं तो यह अपराध के दायरे में आता है। ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी स्पष्ट किया गया है।

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