कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर हाईकोर्ट में स्वर्णरेखा नदी पुनरुद्धार को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, हाई कोर्ट ने 10 सदस्यीय कमेटी बनाकर स्वर्ण रेखा नदी के फिजिकल निरीक्षण के निर्देश दिए हैं,साथ ही शासन को निर्देशित किया है कि वह नदी की डीपीआर और उससे जुड़े फंड के रिलीज न होने के पीछे के कारणों को अगली सुनवाई में प्रस्तुत करें।

एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया ने दायर की जनहित याचिका   

ग्वालियर की जीवनदायनी स्वर्ण रेखा नदी अब नाले में तब्दील हो चुकी है, ऐसे में उसके पुनरुद्धार को लेकर एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया ने जनहित याचिका ग्वालियर हाई कोर्ट में दायर की है। मंगलवार को याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जिसमें शासन के सभी अधिकारी मौजूद रहे। माननीय हाई कोर्ट ने स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट में बरती जा रही लापरवाही पर शासन को फटकार लगाई और कहा कि कागजों में जो काम किया जा रहे हैं वह धरातल पर नजर नहीं आ रहे। ऐसे में स्वर्णरेखा याचिका से जुड़े सभी पक्षकारो को मिलाकर 10 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए,जो उसका फिजिकली निरीक्षण करें। 

18 मार्च को अगली सुनवाई 

इसके माध्यम से वह रिपोर्ट तैयार करें कि आखिर स्वर्ण रेखा नदी प्रोजेक्ट में कौन-कौन सी परेशानियां आ रही है और इन्हें कैसे हल किया जा सकता है?  इसके साथ ही हाईकोर्ट ने शासन को भी निर्देश दिए हैं कि वह स्वर्ण रेखा नदी डीपीआर के बार-बार बदलने के साथ उससे जुड़े फंड को रिलीज न होने के कारण की रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।

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