NIA raids in Bhagalpur and Arrah: भागलपुर और आरा में आज बुधवार की सुबह जाली नोट और आतंकी कनेक्शन को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने छापेमारी की है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली और पटना से NIA की अलग-अलग टीम भागलपुर और आरा पहुंची और छापेमारी की है. आरा और भागलपुर से फिलहाल छापेमारी खत्म कर रवाना हो गई है. आरा में सुबह 6 बजे से साढ़े 9 बजे तक जबकि भागलपुर में सुबह 8 बजे से 11 बजे तक छापेमारी चली.

90 हजार कैश और 5 मोबाइल बरामद

बता दें कि दोनों जगहों पर हुई छापेमारी में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक NIA ने छापेमारी में 90 हजार से ज्यादा कैश, 5 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. टीम ने रेड की वीडियोग्राफी भी की है, टीम जब सद्दाम के घर पहुंची तो उसके पिता नमाज पढ़ने गए हुए थे.

भोजपुर जिले में दो अलग-अलग जगहों पर एक साथ टीम ने छापामारी की. DSP और इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों के नेतृत्व में आई टीम ने चौरी थाना क्षेत्र के छतरपुरा गांव और सहार थाना के कोरनडिहरी गांव स्थित दो घरों में दबिश दी. छापेमारी में स्थानीय थानों की पुलिस की भी मदद ली गई. जिन दो संदिग्धों के घरों में छापामारी हुई, वे रिश्तेदार बताए जाते हैं. एक के पिता उर्दू स्कूल में शिक्षक और दूसरे संदिग्ध के पिता टोला सेवक हैं.

जाली नोट और आतंकी कनेक्शन की जांच

पहला संदिग्ध मोहम्मद नेहाल दिल्ली में रहता है. जबकि, दूसरा मोहम्मद वारिस पहले से जाली नोट के मामले में जेल में बंद है. इस छापेमारी को जाली नोट के रैकेट और आतंकी कनेक्शन दोनों से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, छापामारी में आए अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.

जाली नोटों के साथ गिरफ्तार हुआ था नजरे सद्दाम

बताया जा रहा है कि सितंबर 2024 में जाली नोटों के रैकेट के सरगना मोहम्मद शमशाद ने पूछताछ में पाकिस्तान में छपे भारतीय जाली नोट नेपाल के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाए जाने की बात कही थी. गिरफ्तार शमशाद और मोहम्मद वारिस से NIA समेत कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी पूछताछ की थी. उस समय गिरफ्तार धंधेबाज शमशाद ने पुलिस को बताया था कि पाकिस्तान में छपे नोट नेपाल के रास्ते उसे मिले थे.

2024 में नजरे सद्दाम समेत 3 लोगों को पुलिस ने जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था, जब नजरे सद्दाम को गिरफ्तार किया गया था, तब उसके पास से अलग-अलग नाम के दो आधार कार्ड भी बरामद हुए थे. नजरे सद्दाम इस धंधा का मुख्य खिलाड़ी है, जो नेपाल के जाली नोट कारोबारी राजेश सहनी के साथ काम करता है. 2024 में इन लोगों से मिले नोट पाकिस्तान मेड बताए गए थे. खुफिया सूत्रों ने बताया था कि ये नोट पाकिस्तान में छपे थे.

नेपाल के रास्ते आता था पाकिस्तान से जाली नोट

मास्टरमाइंड नजरे सद्दाम पिछले 4 सालों से इस धंधा में शामिल था. वह पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते जाली नोट मंगवाकर कई बार भारत में खपा चुका है. वो भारत नेपाल खुली सीमा का फायदा उठाकर नकली नोट की तस्करी करता था. 2024 में 10 फरवरी को रक्सौल के ब्लॉक रोड, लक्ष्मीपुर समेत विभिन्न स्थानों से खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने 4 लाख 13 हजार भारतीय नकली नोट के साथ मास्टर माइंड सीवान के यूसुफ सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. उस समय नेपाल के पकहा मैनपुर निवासी जाली नोट का मुख्य कारोबारी राजेश सहनी का नाम सामने आया था.

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