नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुआ हादसा अब दिल्ली हाईकोर्ट में है. दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे को इस घटना पर दायर याचिका के संबंध में आदेश दिया कि वह इसमें उठाए गए मुद्दों की जांच करें. 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14, 15 और 16 पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में रेलवे से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की चिंता सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं है; वह यह भी है कि अगर रेलवे ने नियमों का पालन किया होता तो यह स्थिति नहीं होती. कोर्ट ने आगे कहा कि वह रेलवे को भविष्य में ऐसे नियम लागू करने का आदेश दे रहे हैं। कोर्ट ने रेलवे बोर्ड के फैसले का विवरण देते हुए रेलवे को एक संक्षिप्त हलफनामा देने को कहा. पूरे मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.

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चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं समझता हूँ कि कोई विरोध नहीं होना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि SG के सुझाव के अनुसार, इन मुद्दों पर रेलवे बोर्ड में उच्चतम स्तर पर जांच चल रही है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान रेलवे से पूछा कि वह एक कोच में समायोजित होने वाले यात्रियों की संख्या से अधिक टिकट क्यों बेचती है?  न्यायालय ने कहा, “यदि आप एक कोच में समायोजित होने वाले यात्रियों की संख्या तय करते हैं, तो आप बेचते क्यों हैं, टिकटों की संख्या उस संख्या से अधिक क्यों होती है? यही समस्या है.”

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वासन दिया कि जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर विचार किया जाएगा और कहा कि मामला अनुचित तरीके से नहीं लिया गया है और रेलवे कानून का पालन करने के लिए बाध्य है.

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याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि घटना के दिन 9600 से अधिक अनारक्षित टिकट बेचे गए थे और अगर अधिकारी कानून के अनुसार काम करते तो घटना को रोका जा सकता था. वकील ने कहा “अगर रेलवे अपने नियमों और प्रावधानों का पालन करता, तो बहुत सी चीजें रोकी जा सकती थीं. यह याचिका राष्ट्रीय हित और व्यापक जनहित में है. मैं बुनियादी ढांचे या नीतिगत मुद्दों पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं,”

अदालत ने कहा कि जनहित याचिका सिर्फ पिछली भगदड़ की घटना तक सीमित नहीं है क्योंकि इसमें एक डिब्बे में यात्रियों की अधिकतम संख्या और प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री के संबंध में मौजूदा कानूनों को लागू करने की मांग की गई है, जो पर्याप्त रूप से लागू होते तो भगदड़ की ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था.

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भगदड़ में 18 लोगों की जान गई थी

नई दिल्ली में हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे भी शामिल थे. घटना में कई अन्य लोग घायल भी हुए. सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और गंभीर घायलों को 2.5 लाख रुपये दिए हैं.

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घटना के बाद अलर्ट हुआ प्रशासन

दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद, सुरक्षा के उद्देश्य से रेलवे फुटओवर ब्रिज पर अतिरिक्त ड्यूटियां लगाई गई हैं ताकि यात्रियों को असुविधा न हो और रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सके. यह कदम सुरक्षा के लिहाज से उठाया गया है ताकि इस तरह की कोई भी घटना दोबारा न हो.