अमेरिका (United States) से डिपोर्ट किए गए भारतीयों (Indian) समेत 300 अवैध प्रवासियों को पनामा (Panama) में रखा गया है. होटल में फंसे अप्रवासी खिड़कियों से मदद की गुहार लगा रहे है. होटल में बद किए गए अप्रवासी की वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें वो पेपर पर लिखे संदेशों के जरिए मदद मांग रहे हैं. अप्रवासी होटल की खिड़कियों पर ‘Please Help Us (कृपया हमारी मदद करें)’ और ‘हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं (We are not safe in our country)’ लिखे संदेश लेकर खड़ें हैं. वहीं पनामा में रह रहे डिपोर्ट किए गए भारतीय अप्रवासियों की मदद के लिए भारतीय दूतावास (Indian Embassy) सामने आया है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका में अवैध प्रवासियों का डिपोर्टेशन जारी है. इसकी के तहत अमेरिका से भारतीयों समेत करीब 300 अप्रवासियों को निकाला गया है. इन प्रवासियों को पनामा के एक होटल में रखा गया है जहां से वो पेपर पर लिखे संदेशों के जरिए मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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मिली जानकारी के अनुसार पनामा के अधिकारी प्रवासियों को उनके देश भेजने के लिए संबंधित देशों के अधिकारियों के संपर्क में हैं और इसी क्रम में उन्होंने भारतीय अधिकारियों से भी बात की है. भारतीय दूतावास पनामा की ओर से की तरफ से एक ट्वीट कर कहा गया है कि वो निर्वासितों को लेकर पनामा की सरकार से बातचीत कर रहा है.

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भारतीय दूतावास ने जानकारी देते हुए कहा, ‘पनामा के अधिकारियों ने हमें सूचना दी है कि अमेरिका से भारतीयों का एक समूह पनामा पहुंचा है. उन्हें एक होटल में सुरक्षित तरीके से रखा गया है और सारी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. दूतावास की टीम ने निर्वासितों के लिए कांसुलर पहुंच हासिल कर लिया है. हम निर्वासितों की भलाई के लिए पनामा की सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.’ दूतावास ने अपने ट्वीट में एक आपातकालीन नंबर भी जारी किया है.

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बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो पनामा पहुंचे थे. उनके इस दौरे में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि पनामा अमेरिका और निर्वासितों के देश के बीच एक पुल का काम करेगा. अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजने का सारा खर्च अमेरिका उठा रहा है.

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सुरक्षा मंत्री अब्रेगो ने यह भी बताया कि जो निर्वासित वापस अपने देश नहीं जाना चाहते उन्हें कोलंबिया और पनामा की सीमा के पास शेल्टर होम में रखा जाएगा. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी किसी अन्य देश में उन्हें बसाने का काम करेगी. सुरक्षा मंत्री कम से कम 171 अवैध प्रवासी अपने देश वापस लौटने को राजी हैं जबकि 97 निर्वासित अपने देश नहीं लौटना चाहते हैं. इन  निर्वासितों को शेल्टर होम में भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि 8 अन्य निर्वासितों को शेल्टर में भेजा जाएगा.

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