कुंदन कुमार/पटना: महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा अभी बिहार में है और लगातार बिहार में नीतीश सरकार पर निशाना साधती नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में आंगनवाड़ी, आशा बहन और जीविका दीदी से बंधुआ मजदूर की तरह काम लिया जा रहा है, जबकि उन्हें कम मानदेय की राशि दी जा रही है.  

‘दैनिक मजदूरी से भी कम है’

वहीं, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में काम करने वाली ममता बहन और आशा बहन को मात्र ₹1000 दिया जा रहा है. जीविका दीदियों को 15 सौ से 5000 रुपए दिए जा रहे हैं, जो की दैनिक मजदूरी से भी कम है. इस महंगाई के जमाने में आंगनवाड़ी सेविका को 7000 और सहायिका को ₹4000 दिए जा रहे हैं. नीतीश सरकार सबसे बंधुआ मजदूरी करवा रही है. इसे ही वह महिला सशक्तिकरण कह रहे है, जो की पूरी तरह से गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि बंधुआ मजदूर की तरह आशा दीदी हो, चाहे आंगनवाड़ी सेविका हो, चाहे वह जीविका दीदी हो सबसे काम करवाया जा रहा है.

‘बंधुआ बनाकर रखो’

आगे उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत कम मानदेय की राशि दी जा रही है. जो की पूरी तरह से गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ती महंगाई के बाद इन लोगों के भी मानदेय की राशि में वृद्धि होनी चाहिए, जो कि वर्तमान सरकार नहीं कर पा रही है. इसका मतलब साफ है कि बंधुआ मजदूर की तरह इन लोगों से काम लो और इन्हें कम मानदेय देकर इन्हें बंधुआ बनाकर रखो. महिला कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी. इसको लेकर महिला कांग्रेस सड़क पर उतरेगी और महिलाओं के साथ जो बंधुआ मजदूर जैसा व्यवहार हो रहा है, उसे रोकेगी. 

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