नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट से बेहद चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता को अपनी बेटे की शादी दूसरे समाज में कराना महंगा पड़ गया। इसका खामियाजा उसे समाज से बहिष्कार होकर उठाना पड़ा। लेकिन इसके बाद समाज वालों ने जो मांग की, उसे जानकर आप खुद हैरान रह जाएंगे। लड़के के पिता से कहा गया कि वह उन्हें 31 हजार रुपए दे और बकरा खिलाए, इसके बाद हो उनकी समाज में एंट्री हो सकेगी। जिसके बाद पीड़ित ने मानव अधिकार आयोग समेत पुलिस में इसकी शिकायत की है।

उप जेल प्रधान आरक्षक ने मेश्राम परिवार में की थी बेटे की शादी

पूरा मामला बालाघाट नगर से लगे ग्राम गर्रा का है। यहां रहने वाले श्रीराम मालाधारी ने बताया कि वे पाटन जबलपुर के उप जेल में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने अपने बेटे विशाल मालाधारी का विवाह ग्राम कोसमी निवासी एससी समाज की पूजा मेश्राम के साथ 15 फरवरी को संपन्न करवाया था। जब वह शादी की पत्रिका बांट रहे थे, तब समाज वालों ने उसका यह कहकर विरोध कर दिया कि वह अपनी जाति छोड़कर बेटे के लिए मेश्राम परिवार की बहू मांग रहा है। 

बकरा खिलाओ … 31 हजार दो और समाज में वापस आओ

समाज वालों ने उन्हें यह कहा कि अगर समाज में वापस आना है तो इसके लिए 31 हजार रुपए देने होंगे। साथ में बकरा भी खिलाना होगा। ऐसा न करने पर शादी में शामिल नहीं होने और समाज से बहिष्कृत करने की बात कही गई। जब शख्स ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो उनके घर शादी के कार्यक्रम में कोई नहीं पहुंचा और आस-पास वालों को जाने से भी रोक दिया गया। समाज वालों ने उन लोगों को भी 11 हजार का जुर्माना देने के लिए कहा है, जो इस विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

मानव अधिकार आयोग ने बताया गैरकानूनी

पीड़ित परिवार का मानना है कि उनकी मान प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, जिससे मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच करवाकर न्याय दिलाए जाने की मांग की है। वहीं मानव अधिकार आयोग मित्र फिरोजा खान ने बताया कि ऐसे मामले गैरकानूनी हैं। इसके लिए प्रिवेंशियन ऑफ सोशल डिस्पेरिटी एक्ट बना हुआ है, जिसमें सजा का प्रावधान है।

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