केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chouchan) ने 22 फरवरी को पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 का उद्घाटन करते हुए कहा कि कृषि विकास के लिए किसानों का विज्ञान से जुड़ना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वह किसानों से मिलने जा रहे हैं और उन्होंने आईसीएआर को आधुनिक किसान चौपाल की प्रसारण की जिम्मेदारी सौंप दी है.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि गेहूं का उत्पादन बढ़ाने की संभावना है, आज बीज खरीदने के लिए किसानों की लाइन लगी है, आज अच्छे बीजों की जरूरत है, जिसे आईसीएआर पूरा कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने नए बीजों को उन्नत करने में जुटे हैं, जिसका लक्ष्य फसलों का उत्पादन बढ़ाना है.

आधुनिक किसान चौपाल का प्रसारण ICAR करेगा

उन्होंने कहा कि विज्ञान और किसान को एकजुट करना होगा. उन्होंने कहा कि हम आधुनिक किसान चौपाल के माध्यम से वैज्ञानिकों और किसानों से बातचीत कर रहे हैं. अगले महीने से आईसीएआर किसानों से प्रश्न पूछेगा और वैज्ञानिकों को उनके प्रश्नों का उत्तर देगा.

किसानों को उपज ले जाने का भाड़ा देगी सरकार

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार सभी दालें एमएसपी पर खरीदेगी, इसलिए किसानों को चिंता नहीं करनी चाहिए. किसानों को सही दाम दिलाने की कोशिश की गई है, लेकिन टमाटर की कीमतें घट गई हैं, इसलिए किसानों को दाम नहीं मिल रहा है.

यही कारण है कि टमाटर, प्याज और आलू को किसानों द्वारा उत्पादित किया जाएगा और फिर राज्य या नेफेड द्वारा खरीदा जाएगा. किसानों को भाड़ा केंद्र सरकार देगा, जिससे वे मंडी तक अपने उत्पादों को लेकर पहुंच सकें.  

कृषि विभाग के अफसरों को खेतों में जाने का निर्देश

कृषि विभाग के सभी अफसरों को खेतों में जाने का आदेश देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान खेती की आत्मा हैं, आप भी चलें, मैं भी चलूं और वैज्ञानिक भी खेतों तक जाएंगे. यहाँ आने वाले सभी लोगों का धन्यवाद. किसान दिवस पर उन्नत किसानों के लिए एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. इस गोष्ठी का उद्देश्य किसानों को एकजुट करने और उनकी समस्याओं को सही ढंग से हल करने की कोशिश करना है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर किसान को अधिकतम 3 लाख रुपये मिलने की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. उन्होंने कहा कि हमने लगातार अभियान चलाया है कि सही किसानों को लाभ मिले, इसके लिए हमने कई योजनाएं देश के किसानों के हित में चलाई जा रही हैं.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार की मुख्य फसल मखाना है. उन्होंने कहा कि मखाना उत्पादकों को ऊर्जा देने के लिए मखाना बोर्ड स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. 23 फरवरी को मैं मखाना उत्पादकों से सीधे चर्चा करूंगा और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए और अधिक सुविधाएं देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे.

मेले की खासियतें: हर किसान के लिए कुछ नया

पूसा संस्थान ने इस मेले में नई फसल किस्मों और तकनीकों का शानदार प्रदर्शन किया जाएगा. इस मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, FPO, स्टार्टअप्स, उद्यमी और निजी कंपनियाँ अपने नए उत्पाद और सेवाएँ प्रस्तुत करेंगे. तकनीकी सत्र में किसान और वैज्ञानिक जलवायु के हिसाब से खेती, डिजिटल खेती, उद्यमिता, बाजार तक पहुँच, किसान संगठन, स्टार्टअप्स और किसानों के अपने नए आइडियाज पर बात करेंगे. ये मेला हर किसान को खेती का एक नया पाठ्यक्रम देगा. पूसा की फसलों के बीज भी बिक्री के लिए मिलेंगे और वैज्ञानिक मुफ्त में सलाह देंगे.

छोटे किसानों के लिए आसान मॉडल

1 हेक्टेयर का पूसा मॉडल, जिसमें फसल, डेयरी, मछली, बतख, बायोगैस, फल और वनस्पति शामिल हैं, सालाना 3.79 लाख तक कमाई कर सकता है, जबकि 0.4 हेक्टेयर का मॉडल पॉलीहाउस, मशरूम और बागवानी से 1.75 लाख तक कमाई कर सकता है; ये मॉडल मेले में पूरी जानकारी दी जाएगी.

सब्जियाँ, फल और फूलों की नई किस्में

पूसा ने 48 सब्जी फसलों में 268 नई किस्में बनाई हैं, जिनमें 41 संकर और 227 नई किस्में हैं, जिसमें गाजर (पूसा प्रतीक, रुधिरा, असिता), भिंडी (पूसा लाल भिंडी-1), सेम (पूसा लाल सेम), ब्रोकली (पूसा पर्पल) और पालक (पूसा विलायती). पूसा आरुषि और प्रतीक्षा, पपीते (पूसा पीत) और गेंदे की पूसा बहार भी तैयार हैं. ये सब मेले में दिखेंगी.