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Vijaya Ekadashi: साल में 24 एकादशी तिथियाँ आती हैं। हर महीने 2 एकादशी का व्रत रखा जाता है, जिनमें से विजया एकादशी विशेष मानी जाती है। इस बार यह व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा। एकादशी तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली यह एकादशी विजया एकादशी के रूप में जानी जाती है।
इस तिथि पर व्रत का संकल्प लिया जाता है और पालनहार श्री हरि विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। विजया एकादशी व्रत का महत्व पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी बताया गया है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने या किसी विपरीत परिस्थिति से उबरने के लिए यह व्रत लाभकारी माना जाता है।
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Vijaya Ekadashi की पूजा का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:11 से 06:01 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:29 से 03:15 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:15 से 06:40 तक
- निशिता मुहूर्त: रात 12:09 से 12:59 तक
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विजया एकादशी व्रत के पारण का समय (Vijaya Ekadashi)
विजया एकादशी की कथा पढ़ने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें। व्रत का पारण 25 फरवरी (द्वादशी तिथि) को किया जाएगा।
- शुभ मुहूर्त में पारण का समय: सुबह 06:50 से 09:08 तक
शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करने से व्रत पूर्ण होता है और इसका सम्पूर्ण फल प्राप्त होता है।
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