रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. सत्ता के दावों और हकीकत में जमीन-आसमान का अंतर एक बार फिर सामने आया है. महराजगंज इन्हौना मार्ग में सेमरहा होते हुए पूरे कनपुरियन गांव तक जाने वाले लगभग दो किलोमीटर लंबे संपर्क मार्ग का डामरीकरण हाल ही में लोक निर्माण विभाग द्वारा लाखों रुपये की लागत से कराया गया. लेकिन निर्माण के दूसरे ही दिन से सड़क उखड़ने की शिकायतें सामने आने लगीं, जिसने विभागीय भ्रष्टाचार और गुणवत्ता के प्रति लापरवाही को उजागर कर दिया.

ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया. उनके मुताबिक नाममात्र का डामर डालकर गिट्टी बिछा दी गई, जिसके चलते सड़क अपनी मजबूती खो बैठी और उखड़ने लगी. स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों से इसकी शिकायत की, लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी सड़कें बनाना जनता के साथ धोखा है और इससे उनकी रोजमर्रा की परेशानियां बढ़ रही हैं.

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ठीक की जाएगी सड़क

मामले में पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता (एई) राजेश यादव ने सफाई दी . उन्होंने कहा कि “सड़क के अंतिम छोर पर काम के दौरान रात हो गई थी, जिसके चलते कुछ स्थानों पर सड़क उखड़ गई होगी. महाकुंभ के कारण प्लांट बंद है. प्लांट चालू होते ही सड़क को ठीक करा दिया जाएगा.” हालांकि उनका यह बयान ग्रामीणों के गुस्से को शांत करने में नाकाफी साबित हो रहा है.

ये पहला मामाल नहीं

यह पहला मामला नहीं है जब पीडब्ल्यूडी के सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठे हों. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते ही इस तरह के हालात बन रहे हैं. सड़क को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी धन का कितना दुरुपयोग हुआ. ग्रामीणों ने मांग की है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.