Eknath Shinde: सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच सरकार बनने के पहले से जारी कोल्ड वार (Cold War) अब भी जारी है। दोनों एक-दूसरे से नाराज बताए जा रहे हैं। इस बीच ​एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर अपना ‘टांगा पलटने’ वाला बयान दोहराया है। नागपुर में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘ये तो मैंने पहले ही कहा है, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया है… मैं एक कार्यकर्ता हूं, सामान्य कार्यकर्ता हूं, लेकिन बाला साहेब और दिघे साहेब का कार्यकर्ता हूं। ये समझ के मुझे सबने लेना चाहिए। 2022 में टांगा पलटी कर दिया था।

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एकनाथ शिंदे के बयान पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि  यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि एकनाथ शिंदे ने यह चेतावनी किसके लिए दी थी।

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रविवार (23 फरवरी) को अजित पवार 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि क्या एकनाथ शिंदे यह कहना चाहते थे कि शिवसेना (UBT) या किसी और को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। वहीं, सत्र में अजित पवार के बाद बोलने वाले एकनाथ शिंदे ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया और केवल इतना कहा- “मुझे हल्के में न लें” टिप्पणी दो साल पहले हुई एक घटना के संदर्भ में थी।

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तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में पवार ने कहा, “हाल ही में, शिंदे ने एक वाक्यांश का इस्तेमाल किया था, “मुझे हल्के में मत लीजिए। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह टिप्पणी किसके लिए थी। उन्होंने कहा, “यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ‘मशाल’ को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए या किसी और को उन्हें (शिंदे) हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल नागपुर में पत्रकारों ने एकनाथ शिंदे से जब उनके इस बयान के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा, ‘ये तो मैंने पहले ही कहा है, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया है…(Mujhe Halke Mein Mat Lena) मैं एक कार्यकर्ता हूं, सामान्य कार्यकर्ता हूं, लेकिन बाला साहेब और दिघे साहेब का कार्यकर्ता हूं। ये समझ के मुझे सबने लेना चाहिए और इसलिए जब हल्के में लिया तो 2022 में टांगा पलटी कर दिया। सरकार को बदल दिया और हम आम जनता की इच्छाओं की सरकार लाए। इसलिए मुझे हल्के में मत लेना, ये इशारा जिन्हें समझना है वे समझ लें।

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उन्होंने आगे कहा, ‘विधानसभा में अपने पहले भाषण में मैंने कहा था कि देवेंद्र फडणवीस जी को 200 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और हमें 232 सीटें मिलीं। इसलिए मुझे हल्के में न लें, जो लोग इस संकेत को समझना चाहते हैं, वे इसे समझें और मैं अपना काम करता रहूंगा।

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कई मामलों में उभरे मतभेद

इससे पहले में जब देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम थे तो उनके पास लॉ एंड ज्यूडिशियरी विभाग था। उसमें वह वह प्राइवेट चेरिटेबल हॉस्पिटल में मरीजों की मदद करते थे। हालांकि, यह पहली घटना नहीं है, जिसमें मतभेद उभर कर सामने आए हैं. इससे पहले भी दोनों यानी देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच मतवेद देखे गए हैं। पालक मंत्री को लेकर भी दोनों नेता आमने-सामने थे। देवेंद्र फडणवीस के कई सरकारी मीटिंग में एकनाथ शिंदे नहीं पहुंचे थे। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट में एडिशनल चीफ सेकेट्री को MSRTC का हेड बनाने पर भी बवाल हुआ था.एकनाथ शिंदे कैंप के ट्रासंपोर्ट मंत्री यह पोस्ट अपने पास रखना चाहते थे। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट में एकनाथ शिंदे का नाम होने पर भी बवाल हुआ था।

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विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रहा दोनों के बीच कोल्ड वार

बता दें कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच यह कोल्ड वार विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रहा है। हालांकि, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का कहना है कि कोई कोल्ड वार नहीं चल रहा है और नही कोई हॉट वार चल रहा है। सब टिक है। हम सब एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं। मगर महाराष्ट्र के सियासी संकेत तो कुछ और ही संकेत कर रहे हैं।

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लगातार बैठकों से रहे दूर

एकनाथ शिंदे नासिक में 2027 कुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा के लिए नासिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) सहित फडणवीस द्वारा बुलाई गई कई बैठकों से दूर रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस द्वारा उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक करने के बाद एकनाथ शिंदे ने हाल ही में एक और बैठक की। उद्योग विभाग शिवसेना मंत्री उदय सामंत के पास है. राज्य पुलिस ने थ्रेट परसेप्शन एनालिसिस की और इसके बाद 20 शिवसेना विधायकों की सुरक्षा कम कर दी गई और कुछ की हटा ली गई। इस फैसले के बाद ​फडणवीस और शिंदे के बीच दरार और अधिक बढ़ने की संभावना है। जून 2022 में एकनाथ शिंदे को ‘Y’ कैटेगरी का सुरक्षा कवर दिया गया था।

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288 सीटों में से 230 सीटें जीती है महायुति

बता दें कि एकनाथ शिंदे हाल फिलहाल के दौरान सीएम फडणवीस द्वारा बुलाई गई बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। इससे दोनों के बीच टकराव की अटकलें लग रही हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले तीन-दलीय गठबंधन (भाजपा, शिवसेना, एनसीपी) द्वारा विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 230 सीटें जीतने और प्रतिद्वंद्वियों को लगभग खत्म करने के ठीक तीन महीने बाद सत्तारूढ़ महायुति में दरार की चर्चाएं शुरू हो गई है।

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फडणवीस और शिंदे का अलग-अलग वॉर रूम

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी के लिए ‘वॉर रूम’ बनाया है। उनके अलावा दोनों डिप्टी सीएम- अजीत पवार और एकनाथ शिंदे ने उन परियोजनाओं पर नजर रखने के लिए अपने अलग वॉर रूम स्थापित किए हैं, जो उन जिलों के अंतर्गत आती हैं, जिनके वे संरक्षक मंत्री हैं। दोनों अपने वॉर रूम से उन विभागों के कामकाज की निगरानी भी करते हैं, जो उनकी संबंधित पार्टियों के मंत्रियों द्वारा संभाले जाते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से इतर, शिंदे ने राज्य सचिवालय में एक चिकित्सा सहायता कक्ष भी स्थापित किया है।

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