चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा का सत्र आज से शुरू हुआ, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा (Aman Arora) ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे सरकारी पदों पर बैठकर जनता को गुमराह न करें, अन्यथा उनकी तनख्वाह से पेंशन की कटौती होने में देर नहीं लगेगी। सत्र में किसान आंदोलन के कारण शंभू बॉर्डर पर सड़कों के बंद होने और डेराबस्सी में जर्जर सड़कों का मुद्दा भी उठाया गया।

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) ने कहा कि बिट्टू के लोगों की गिरफ्तारी महज एक दिखावा है, क्योंकि उन्हें जेल में भी VIP सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके बाद सत्र को 25 फरवरी सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

नकली दूध पर सख्त कानून बनाने की मांग

राणा गुरजीत सिंह (Rana Gurjit Singh) ने पंजाब में मिलावटी दूध की आपूर्ति का मुद्दा उठाया और कहा कि यह लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा है।
उन्होंने कहा कि दूषित दूध बेचने वाले अपराधी आसानी से बच निकलते हैं, क्योंकि इस पर कोई कड़ा कानून नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे मामलों में सजा को 8 से 10 साल तक बढ़ाया जाए, और इस संबंध में प्रस्ताव अगले सत्र में लाया जाए।

टूटी सड़कों पर चर्चा

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव बनाकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भेजना चाहिए, ताकि केंद्र से इस पर फंड प्राप्त किया जा सके।


सरकारी स्कूलों में मुफ्त बिजली का मुद्दा

हमरीत सिंह पठानमाजरा (Hamreet Singh Pathanmajra) ने सवाल उठाया कि क्या सरकारी स्कूलों को मुफ्त बिजली दी जाती है?
इस पर बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ (Harbhajan Singh ETO) ने कहा कि सरकारी स्कूलों को मुफ्त बिजली नहीं दी जाती।
पठानमाजरा ने तर्क दिया कि सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों की पढ़ाई होती है, और सरकार को कम से कम 6 घंटे मुफ्त बिजली देनी चाहिए।

मंत्री अमन अरोड़ा का जवाब

कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि यह सही सवाल है, और सरकार स्कूलों को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली देने पर काम कर रही है।