पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम में दंतेवाड़ा जिले के घोर नक्सलवाद प्रभावित इलाके से बड़ा ही चौंका देने वाला परिणाम सामने आया है। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 08 से निर्दलीय प्रत्याशी सोमारू कड़ती ने सभी को हैरान कर दिया है। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से समर्थित प्रत्याशियों को हराकर जिला पंचायत में 1100 से अधिक मतों से मात दी। वही सरपंच में 100 से अधिक वोटों से हराया है।

सोमारू कड़ती डीआरजी से एएसआई की नौकरी छोड़ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उतरे थे। उनकी इस जीत से संदेश साफ है कि अंदरूनी इलाके में लोग विकास की बाट जोह रहे हैं। नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य सोमारू कड़ती 2014 में छत्तीसगढ़ पुलिस में शामिल होकर डीआरजी में सेवाएं दे रहे थे और आउटऑफ टर्न प्रमोशन से डीआरजी में एएसआई पर पदोन्नत हुए थे। डीआरजी में सेवाएं देने के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार में सोमारू कड़ती को राज्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

मीडिया से चर्चा के दौरान सोमारू कड़ती ने कहा, क्षेत्र का विकास होना चाहिए। वह क्षेत्र के विकास के लिए नौकरी छोड़कर राजनीति में आए हैं। जनता ने भरोसा जताया है, उनसे किए वादे पूरे किए जाएंगे। इन वादों को पूरा करने के लिए प्रशासन के साथ भी चलेंगे और यदि कोई समस्या दिखती है तो मुखालफत भी पूरजोर होगा। उन्होंने कहा, नौकरी भी तहे दिल से की थी, अब सेवा के क्षेत्र में आया हूं तो भरोसे को कैसे तोड़ सकता हूं। जनता ने आशीर्वाद दिया है, उनके दिए आशीर्वाद का हमारा कर्तव्य है सम्मान करना। उनके साथ करीब आधा दर्जन से अधिक सरपंच और जनपद सदस्य मौजूद थे। सभी ने मां दतेश्वरी के दर्शन किए।

एनएमडीसी को क्षेत्र का विकास पहले करना होगा

आयरन हिल के आसपास का इलाका आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। जिस तरह से दंतेवाड़ा नगर का विकास हुआ है ठीक उसी तरह का विकास एनएमडीसी को करना होगा। सोमारू कड़ती ने कहा, किसी दल से कोई लेना देना नहीं है। सरकारें विकास कर रही होती तो नौकरी नहीं छोड़नी पड़ती। नौकरी छोड़कर आया हूं, आयरन हिल के इर्द-गिर्द की पंचायतों की तस्वीर बदलनी होगी। खनन यहां से होगा और पैसा दिल्ली तक जाएगा। यहां का विकास पहले एनएनडीसी को करना होगा।

न सत्ता न विपक्ष, विकास में जो मेरे साथ होगा मैं उसका साथी : सोमारू

नौकरी छोड़कर जनप्रतिनिधि बने सोमारू का कहना है कि जिस इलाके से वह आता है वह बेहद पिछड़ा हुआ है। मदाड़ी गांव का रहने वाला हूं। सरपंच पद के लिए भी दावेदार था। दोनों ही पदों पर जीत मिली है। अब न सत्ता की न विपक्ष की जरूरत है।क्षेत्र के विकास के लिए जो मेरे साथ है, मैं उसका साथी हूं। सिर्फ विकास चाहिए। नौकरी करने के दौरान तहे हृदय से काम किया। इसके लिए सरकार ने उसे शौर्य पदक से सम्मानित किया था। अब सेवा के क्षेत्र में आया हूं, यहां सिर्फ सेवा करनी है।