भारत में 2024 में 84 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ, जो किसी भी लोकतांत्रिक देश में सबसे अधिक है। यह आंकड़ा डिजिटल राइट्स संगठन Access Now की एक रिपोर्ट में सामने आया है। हालांकि इस साल पहली बार छह वर्षों में भारत दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट बंदी वाला देश नहीं रहा। म्यांमार ने 85 शटडाउन के साथ इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया, जहां सैन्य शासन ने इंटरनेट ब्लैकआउट लागू किए।

भारत में इंटरनेट शटडाउन के प्रमुख कारण
रिपोर्ट के अनुसार, 84 में से 41 शटडाउन विरोध प्रदर्शनों के कारण हुए, जबकि 23 बार सांप्रदायिक हिंसा के चलते इंटरनेट बंद किया गया। इसके अलावा, पांच बार सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट बंद किया गया। देशभर में 16 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इंटरनेट शटडाउन लागू किए गए। राज्यवार आंकड़ों के मुताबिक, मणिपुर (21 शटडाउन) शीर्ष पर रहा, इसके बाद हरियाणा (12) और जम्मू-कश्मीर (12) का स्थान रहा।

भारत की वैश्विक छवि पर असर
Access Now की वरिष्ठ नीति सलाहकार नम्रता माहेश्वरी ने कहा, “भारत की वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षाओं—चाहे वह AI हो, डिजिटल गवर्नेंस हो, या स्किलिंग—के लिए शटडाउन बाधक हैं। किसी भी अन्य लोकतंत्र में नागरिकों को इतनी बार इंटरनेट से काटा नहीं जाता।” उन्होंने 2023 के दूरसंचार अधिनियम और 2024 के टेलीकॉम सस्पेंशन नियमों में सुरक्षा उपायों की कमी की ओर इशारा किया और सरकार से इन कानूनों को वापस लेने और 2025 को ‘शटडाउन-फ्री’ बनाने की अपील की।

वैश्विक स्तर पर इंटरनेट शटडाउन
2024 में 54 देशों में कुल 296 बार इंटरनेट शटडाउन हुए। इनमें से 202 एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 11 देशों/क्षेत्रों में दर्ज किए गए।रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार, भारत और पाकिस्तान ने दुनिया भर में हुए कुल इंटरनेट शटडाउन का 64% हिस्सा साझा किया।हिंसा और संघर्ष के दौरान सबसे ज्यादा 103 इंटरनेट शटडाउन हुए, जिनमें भारत भी शामिल है। इसके अलावा, प्रदर्शनों, अस्थिरता, परीक्षाओं, चुनावों और मानवाधिकार हनन को छिपाने के लिए भी इंटरनेट बंद किया गया।

Access Now के एशिया-प्रशांत नीति निदेशक रमन जीत सिंह छीमा ने कहा, “इंटरनेट शटडाउन समाजों को अस्थिर करते हैं, डिजिटल प्रगति को बाधित करते हैं, पूरे समुदायों को खतरे में डालते हैं और मानवाधिकारों के उल्लंघन को छिपाने का माध्यम बन जाते हैं।”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध
2024 में 35 देशों में 71 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ब्लॉक किए गए, जो 2023 में 25 देशों में 53 प्रतिबंधों से अधिक है। ट्विटर (अब X) दुनिया में सबसे ज्यादा ब्लॉक किया गया (14 देशों में 24 बार)। इसके बाद TikTok (10 देशों में 10 बार) और Signal (9 देशों में 10 बार) पर प्रतिबंध लगाए गए। इंटरनेट शटडाउन का बढ़ता ट्रेंड न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में डिजिटल स्वतंत्रता के लिए खतरा बनता जा रहा है।