लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानपरिषद को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लिया. उन्होंने पूर्ववर्ती सपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहले हर काम को समाजवादी नाम दिया जाता था. विवेकाधीन का पैसा भी समाजवादी हो गया था, जो कि अब बिना भेदभाव के मिलता है. एक पॉलिसी के तहत उसे उपलब्ध कराया जाता है.

सीएम ने कहा कि 2017 तक यूपी में सिर्फ 17 मेडिकल कॉलेज थे, आज सभी जिलों में एक मेडिकल कॉलेज है. अच्छे चिकित्सा शिक्षक तैनात हैं, कलेक्टर को भी अधिकार दिया गया कि अच्छे डॉक्टर वे तैनात कर सकते हैं. इस पर भी तेजी से काम हो रहा है. हर रविवार को पीएचसी स्तर पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेला लगता है. हर जिले में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. हमारी सरकार में पीजीआई में पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. नर्सेस और पैरामेडिकल की पढ़ाई की भी व्यवस्था बनाई गई है. एसजीपीजीआई में कुछ ही पद खाली होंगे, हमारी सरकार में 8 नए पद भी शुरू हो गए. 1200 क्षमता वाला पीजीआई आज 2200 बिस्तर क्षमता के साथ काम कर रहा है.

इसे भी पढ़ें : न जाति का भेद, न क्षेत्र का भेद है, न मत का भेद है, सभी एक घाट पर स्नान कर रहे हैं, यही सच्चा सनातन धर्म है- सीएम योगी

नया भारत अपने नागरिकों को एकत्र करने का सामर्थ्य रखता है- योगी

सीएम ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्यपाल ने इस सदी के दो महत्वपूर्ण घटना का उल्लेख किया, उन्होंने महाकुंभ के आयोजन की चर्चा की. अब तक 64 करोड़ श्रद्धालु इस आस्था में शामिल हो चुके हैं, यह एक नया भारत है. अपने नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के एक स्थान पर एकत्र करने का सामर्थ्य रखता है. प्रयागराज का आयोजन सबसे बड़े आयोजन में शामिल हुआ है. जब गौरव की अनुभूति करनी थी, तो विपक्ष छींटाकशी करता है. उपहास, विरोध और अंततः स्वीकृति, ये तीन अवस्थाओं से लोगों को गुजरना पड़ता है.

महाकुंभ को बदनाम करने का कोई प्रयास नहीं छोड़ा- योगी

सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ मेला मृत्युजंय मेला है. कुछ लोग गंगा जल के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर रहे थे. इसका जवाब वैज्ञानिक ने दिया. अजय सोनकर ने इसे अपनी लैब से साबित किया कि गंगा जल एल्कलाइन वाटर से भी ज्यादा स्वच्छ है. गंगा जल में खुद को साफ रखने की ताकत है. पीसीबी की रिपोर्ट में कहा है कि 17 जनवरी को संगम में कॉलीफार्म की मात्रा प्रति 100 एमएल 780, संगम के बाद वाराणसी पर 280, यमुना के पुराने ब्रिज के पास 760 जारी किया है. जबकि 2500 के अंदर देखी जाती है, तीनों मानकों के दायरे में गंगा जल संगम में रहा. आपने महाकुंभ को बदनाम करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं छोड़ा.

इसे भी पढ़ें : महाकुंभ में ‘गिद्धों को केवल लाश मिली और सूअरों को गंदगी, श्रद्धालुओं को व्यवस्था मिली और पर्यटकों को अव्यवस्था…’

भाजपा से लड़ते-लड़ते भारत से लड़ने लगते हैं- योगी

सीएम ने कहा कि सपा का आचरण और कांग्रेस का आचरण भारत को बदनाम करने का था. आपकी लड़ाई बीजेपी से हो सकती है, पर भाजपा से लड़ते-लड़ते ये लोग भारत से लड़ने लगते हैं. आपका स्वार्थ आया तो संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं. सपा ने कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया, लखनऊ के भाषा विवि का नाम मान्यवर कांशीराम के नाम पर था.

सदन में सपा का आचरण अमर्यादित- योगी

सीएम ने सपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा का दोनों सदनों में आचरण लोकतांत्रिक व मर्यादित नहीं था. शालीनता के साथ राज्यपाल की बातों को सुनना चाहिए था. फिर अपनी बात सदन में रखते. लेकिन अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए नारे लगाए, ये गलत है. अयोध्या और प्रयागराज के आयोजन में विरोधी दलों ने पहले उपहास किया. फिर विरोध करने लगे, कहने लगे कि राम तो सबके हैं. ये मेरा सौभाग्य है कि 2019 में मेरा कैबिनेट गया था, इस बार पूरा मंत्रिमंडल गया था. विपक्ष शुरू से ही उपहास उड़ाता रहा है. पहले संख्या को लेकर सवाल उठाते थे. फिर विरोध करते हैं. अंततः स्वीकृत भी देते हैं. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहाकर आ गए. सदन में नेता विरोधी दल भी बोल उठे कि सनातनी पहले हैं.