दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद पहले तीन दिवसीय विधानसभा सत्र का 27 फरवरी को आखिरी दिन होगा. बीजेपी ने अंतिम दिन में विपक्षी आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि AAP के विधायकों को आज तक सिर्फ सियासत के लिए प्रयोग किया गया है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों से अपील की है कि वे संवैधानिक प्रणाली को समझें और दिल्ली विधानसभा की कार्यप्रणाली को सही तरीके से चलाने में मदद करें. उन्हें बताया गया कि पिछले दस वर्षों में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और AAP सरकार ने कानूनों को तोड़-मरोड़कर विधानसभा को सिर्फ एक राजनीतिक मंच बना दिया था. दिल्ली विधानसभा में प्रश्नकाल से लेकर प्राइवेट मेंबर डे तक की वापसी, जो स्वागत योग्य है, पारदर्शी और लोकतांत्रिक नहीं थी, बल्कि सत्ताधारी दल के प्रचार का साधन बन गई थी.

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उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के विधायकों को बोलने तक का मौका नहीं दिया गया था, और AAP के कई विधायकों को विधानसभा में दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया गया था.

संविधान की जगह अराजकता का पाठ

BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में आप के विधायकों को संविधान नहीं, बल्कि अराजकता का पाठ पढ़ाया गया है. अब समय आ गया है कि वे समझें कि विधानसभा और सरकार को संवैधानिक व्यवस्था के तहत कैसे चलाया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करके विधानसभा सत्रों का सत्रावसान किया गया, जिससे विधानसभा की कार्यवाही प्रभावित हुई.

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दिल्ली विधानसभा में बदलाव की उम्मीद

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अब परिस्थितियां बदल रही हैं और विधायकों को उनके अधिकारों के बारे में बताया जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि विधानसभा को आगे से राजनीतिक बयानबाजी के लिए नहीं बल्कि जनता की समस्याओं को हल करने के लिए प्रयोग किया जाएगा.

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दिल्ली की राजनीति में यह बहस पुरानी है. 2015 में पूर्ण बहुमत से पहली बार सत्ता में आने के बाद, आम आदमी पार्टी की सरकार पर विधानसभा नियमों का उल्लंघन करने और विपक्ष की आवाज दबाने के आरोप लगाते रहे हैं, जिससे बीजेपी के विधायकों को कई बार निलंबित किया गया.

भाजपा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यप्रणाली में बदलाव का समर्थन किया और उम्मीद की कि अब विधानसभा सही ढंग से काम करेगी. अब नई सरकार ने पदभार संभाला है, इसलिए इसमें बदलाव की उम्मीद है.