छतरपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह में शामिल हुईं। जहां उन्होंने नव दंपतियों को आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं उन्होंने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को धन्यवाद भी दिया। इस दौरान महामहिम ने कहा कि संतों ने हमेशा समाज को सही राह दिखाई है।

बुधवार महाशिवरात्रि पर मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम में सामूहिक विवाह महोत्सव का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर से किया गया। इस कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हुईं। जहां उन्होंने 251 जोड़ों को आशीर्वाद दिया, साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं उन्होंने दूल्हा और दुल्हनों को सूट और साड़ियां भेंट की हैं।

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धीरेंद्र शास्त्री का धन्यवाद

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभी जोड़ों को बधाई देती हूं। सभी को सुखमय जीवन की शुभकामनाएं। आपको विवाह सूत्र में बांधने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को धन्यवाद देती हूं। विवाहित जोड़ों को गृहस्थी के सामान के साथ-साथ जीवनयापन के लिए आटा चक्की और सिलाई मशीन भी दी जा रही है।

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संतों ने समाज को सही राह दिखाई

महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों अपने कर्म और वाणी से जन मानस को राह दिखाई है। सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई है। अंधविश्वास के बारे में लोगों को जागरूक किया है। चाहे गुरुनानक हों, रविदास हों या संत कबीर दास हों, मीराबाई हों या संत तुकाराम, सभी ने समाज को सही राह दिखाई है।

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राज्यपाल ने भी वर वधु को दी बधाई

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने वर वधु को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गरीब और वंचित बेटियों के विवाह का समारोह किया ये अनुकरणीय है। सामूहिक विवाह समारोहों से भावी पीढ़ियों को अच्छे संस्कारों की सीख मिलती है।

बागेश्वर धाम में एक अलग नजारा देखने को मिला। जब एक साथ 251 घोड़ों पर दूल्हों की सवारी निकाली गई और फिर वह शहनाई की आवाज पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने जयमाला की रश्म निभाई। बाबा बागेश्वर ने अपनी बेटियों की शादी में उन्हें गृहस्थी का डेढ़ लाख के करीब सौ से ज्यादा उपहार दिए। इस सामूहिक विवाह में 108 आदिवासी कन्याओं की भी शादी हुई। जहां इस जगह शादी से दुल्हन खुश थी तो वहीं बाबा बागेश्वर शिष्य मंडल के सदस्य मन से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे रहे।

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