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कुमार इंदर, जबलपुर. मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने उन अधिकारियों की सूची पेश करने का आदेश दिया है, जो अपात्र संस्थाओं को मान्यता देने के लिए जिम्मेदार हैं. इस मामले में इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC), एमपी नर्सिंग काउंसिल (MPNRC) और एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MPMSU) शामिल हैं.
कोर्ट ने सीसीटीवी संबंधित रिपोर्ट पेश नहीं करने पर अधिकारियों की फटकार लगाई और चेतावनी दी कि अगली सुनवाई में अगर रिपोर्ट पेश नहीं की जाती है तो डायरेक्टर एफएसएल को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना होगा. पिछली सुनवाई में नर्सिंग काउंसिल के दफ्तर से गायब सीसीटीवी फुटेज को रिकवर करने और जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए थे. इस संबंध में पुलिस कमिश्नर भोपाल और साइबर सेल को भी निर्देश दिए गए थे.
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इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की बैंच में हो रही है. सरकार को आदेश दिया गया है कि वह अगली सुनवाई में उन अधिकारियों की सूची पेश करें, जो अपात्र संस्थाओं को मान्यता देने के लिए जिम्मेदार हैं. यह सुनवाई लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई के तहत हो रही है.
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