रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में स्वच्छता को बढ़ावा देने और स्वच्छता कर्मियों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने ‘मिशन क्लीन सिटी’ के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना और राज्य को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है.नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत नगरीय निकायों में कार्यरत स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के लिए राहत का पिटारा खोला है,,,छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मिशन क्लीन सिटी को विशेष प्रोत्साहन मिल रहा है, जिससे राज्य में स्वच्छता और जनस्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार हो रहे हैं.

स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के लिए नई पहल

सरकार ने स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के कार्य-परिस्थितियों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

कार्यावधि और अवकाश: अब उनकी कार्यावधि 8 घंटे निर्धारित की गई है, साथ ही रोटेशन के आधार पर साप्ताहिक अवकाश और प्रति माह एक सवैतनिक आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जाएगा.

स्वास्थ्य परीक्षण: हर महीने स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य किया गया है, जिसमें हर तीन महीने में ब्लड टेस्ट, थायराइड टेस्ट, एलडीएच टेस्ट, टोटल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट आदि शामिल हैं.

सुरक्षा उपकरण: उन्हें नियमित रूप से वर्दी, एप्रन, दस्ताने, मोजे, मास्क, जूते, टोपी और रेनकोट जैसी आवश्यक सामग्री प्रदान की जाएगी.

स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के लिए खुला सौगातों का पिटारा

राज्य शासन द्वारा उनके लिए रोटेशन पर साप्ताहिक अवकाश के साथ आठ घंटे की कार्यावधि निर्धारित किया गया है. इतना ही नही उन्हें महीने में एक दिन का सवैतनिक आकस्मिक अवकाश दिए जाने के संबंध में नए दिशा-निर्देश सभी नगरीय निकायों को जारी किए हैं. सभी स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों का श्रम विभाग में पंजीयन कराकर विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने के भी निर्देश दिए हैं.मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में घोषणा की है कि सभी स्वच्छता दीदियों को अब प्रति माह 8,000 रुपये का वेतन मिलेगा.यह निर्णय उनके कठिन परिश्रम और समर्पण को मान्यता देते हुए लिया गया है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा और वे अपने परिवारों को बेहतर समर्थन प्रदान कर सकेंगी.

स्वच्छता लक्षित इकाइयों का रूपांतरण

सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर नगरीय प्रशासन विभाग ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नगरीय निकायों में लागू “मिशन क्लीन सिटी” के तहत निर्मित अधोसंरचना और स्व सहायता समूहों के संचालन और संधारण के लिए वर्ष 2016 में जारी निर्देशों को संशोधित कर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नया दिशा-निर्देश रायपुर, भिलाई और रिसाली को छोड़कर शेष सभी नगर निगमों और सभी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में लागू होंगे. निकायों में कार्यरत विभिन्न स्व सहायता समूहों की मांगों पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को इस संबंध में परिपत्र जारी कर नए निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है. सभी क्षेत्रीय संयुक्त संचालकों को समय-समय पर निकायों का भ्रमण कर इन निर्देशों का पालन किया जाना प्रतिवेदित करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं..

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार स्वच्छता दीदियों/सफाई मित्रों की कार्यावधि आठ घण्टे निर्धारित की गई है. निकाय सुविधानुसार प्रातः छह बजे से दोपहर तीन बजे (एक घण्टे का भोजन अवकाश मिलाकर) या प्रातः सात बजे से शाम चार बजे तक कार्यावधि निर्धारित किए जाने की सम्भावना हैं. विशेष अवसरों के अतिरिक्त निर्धारित कार्यावधि से अधिक कार्य कराया जाना प्रतिबंधित होगा. निकायों में प्रत्येक स्वच्छता दीदी/सफाई मित्र का कार्य रोस्टर स्व सहायता समूह द्वारा इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि प्रत्येक सदस्य को रोटेशन के आधार पर एक साप्ताहिक अवकाश अनिवार्यतः प्राप्त हो सके. नगरीय निकायों को इस बात का भी ध्यान रखने कहा गया है कि सभी सदस्यों का साप्ताहिक अवकाश एक ही दिन न पड़े, जिससे डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और निपटान का कार्य प्रभावित न हो. मणिकंचन केन्द्र में कचरे का जमाव न हो इसका भी ख़्याल रखा जाना है..

श्रम विभाग में पंजीकरण और योजनाओं का लाभ

राज्य शासन ने मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत कार्यरत सभी सदस्यों का पंजीयन श्रम विभाग के पोर्टल पर अनिवार्यतः कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, जीवन बीमा, मेडिकल क्लेम आदि का सम्पूर्ण लाभ सभी सदस्यों को प्राथमिकता से दिलाने के लिए निकाय प्रमुख को निर्देशित किया गया है.परिपत्र में कहा गया है कि मिशन क्लीन सिटी अंतर्गत नियोजित मानव बल का कार्य डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं निपटान की कार्यवाही करना है, किंतु कुछ निकायों द्वारा इनसे स्ट्रीट स्वीपिंग, नाली सफाई एवं अन्य प्रकृति के कार्य कराए जा रहे हैं.. नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों को निर्देशित किया है कि मिशन क्लीन सिटी अंतर्गत नियोजित स्वच्छता दीदी/सफाई मित्रों से योजना के दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त अन्य प्रकृति के कार्य कराए जाने पर पूर्णतः प्रतिषेध होगा.. निर्देशों के उल्लंघन पर जिम्मेदारी का निर्धारण कर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी..

नगरीय प्रशासन विभाग ने मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत नियोजित सभी मानव बल का मासिक स्वास्थ्य परीक्षण मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट में अनिवार्यतः कराया जाना सुनिश्चित करने को कहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की प्रेरणा और उपमुख्यमंत्री अरुण साव के मार्गदर्शन में प्रदेशभर में स्वच्छता लक्षित इकाइयों का रूपांतरण किया गया है.. इससे स्वच्छता अभियानों की दक्षता में वृद्धि हुई है और स्वच्छता कर्मियों के कार्य करने की परिस्थितियों में भी सुधार हुआ है.

स्वच्छता में राज्य की उपलब्धियाँ

सरकार के इन प्रयासों का परिणामस्वरूप, छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं. स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में, छत्तीसगढ़ को स्वच्छ राज्यों की श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में छत्तीसगढ़ देश का तीसरा सबसे स्वच्छ राज्य बना,स्वच्छ सर्वेक्षण में राज्य के साथ ही पांच नगरीय निकायों को भी पुरस्कार मिला. राष्ट्रपति के हाथों मुख्यमंत्री श्विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने पुरस्कार ग्रहण किया .

छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर को कई पुरस्कार मिले. रायपुर को वाटर प्लस शहर और गार्बेज फ़्री सिटी में जगह मिली. साथ ही छत्तीसगढ़ के पांच शहरों को स्वच्छता के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राजधानी रायपुर को वाटर प्लस शहर की श्रेणी में रखा गया, उसे गार्बेज फ़्री सिटी में जगह मिली..रायपुर को 206 एमएलडी के एसटीपी से सम्मानित किया गया, राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया गया और इस तरह से रायपुर देश का 15 वां वाटर प्लस शहर बन गया..यह सम्मान राज्य के नागरिकों, स्वच्छता दीदियों, सफाई मित्रों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है.

मिशन अमृत 2.0 के तहत पेयजल आपूर्ति:

नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत 23 नगरीय निकायों में लगभग चार लाख जनसंख्या को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 1154 करोड़ रुपये की जलप्रदाय परियोजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं.

स्वच्छता में उत्कृष्टता के लिए सम्मान:

मिशन क्लीन सिटी के तहत क्लीन टॉयलेट कैम्पेन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 14 नगरीय निकायों को पुरस्कृत किया जाएगा, जिनमें अंबिकापुर, छुरा, छुरिया, डोंगरगढ़, कोरबा, महासमुंद, रायपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, मंदिर हसौद और चंदखुरी शामिल हैं.

भविष्य की योजनाएँ

सरकार भविष्य में भी स्वच्छता कर्मियों के कल्याण के लिए नई योजनाएँ लाने की योजना बना रही है. इनमें उनके बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा, और आवास सुविधाएँ शामिल हैं.इसके अलावा, स्वच्छता अभियानों में तकनीकी सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि स्वच्छता कर्मियों का कार्यभार कम हो और वे अधिक प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें.इन सभी प्रयासों का मुख्य उद्देश्य राज्य में स्वच्छता के स्तर को ऊँचा उठाना और स्वच्छता कर्मियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करना है, जिससे एक स्वस्थ और समृद्ध छत्तीसगढ़ का निर्माण हो सके.इन पहलों के माध्यम से, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने राज्य में स्वच्छता और जनस्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए मिशन क्लीन सिटी को सफल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.