परवेज खान, शिवपुरी. मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बिजली कटौती से परेशान होकर एक किसान ने बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचकर आत्महत्या की कोशिश की. उसने गले पर फांसी का फंदा डाल लिया और जान देने का प्रयास किया. मौके पर मौजूद लोगों ने उसे रोक लिया. अब सवाल खड़ा होता है कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के प्रभार जिले में किसानों की ऐसा हाल है तो अन्य जिलों में क्या होगा? आखिर ऊर्जा मंत्री जी बिजली की बदहाल व्यवस्था कब सुधरेगी?

बता दें कि यह पूरी घटना कोलारस क्षेत्र की है. बुधवार को साखनौर गांव रहने वाला किसान विनोद बिजली कटौती से परेशान होकर कोलारस स्थित विद्युत कंपनी के दफ्तर पहुंचा. जहां उसने फांसी लगाकर आत्महत्या की कोशिश. लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने उसे रोक लिया. पीड़ित किसान की मानें तो पिछले आठ दिनों से गांव में बिजली सप्लाई नहीं की गई है.

ऐसे में उनकी गेहूं की फसलों में सिंचाई नहीं हो पा रही है. आज ही बिजली कंपनी के कर्मचारी खंभों से तार भी उतार लाए. पीड़ित कहना है कि वह लगातार बिजली का बिल भरता है. लेकिन उसका महज कुछ माह का बिल बकाया है. गांव में कुछ ऐसे लोग भी जिन्होंने बिल नहीं भरा है. जिसके कारण बिजली कंपनी ने पूरी गांव की ही सप्लाई काट दी है. जिससे गांव के पूरे किसान परेशान हैं.

अगर उनकी फसलों को पानी नहीं मिला तो उनके पास मरने के साथ कोई विकल्प नहीं बचेगा. इस मामले में बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि साखनौर गांव के करीब 30 किसानों पर पांच से छ लाख रुपए बकाया है. भुगतान होने के बाद ही बिजली आपूर्ति बहाल की जाएगी.

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