पंजाब सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में पंजाबी को मुख्य और अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाना आवश्यक कर दिया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2009-2010 से पहली कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक पंजाबी विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। कोई भी बोर्ड या संस्था किसी छात्र को तब तक मैट्रिक का प्रमाणपत्र नहीं देगी जब तक वह दसवीं कक्षा की परीक्षा में पंजाबी विषय उत्तीर्ण नहीं कर लेता।
कानून के तहत होगी सख्त कार्रवाई
अधिसूचना में आगे कहा गया है कि “पंजाबी और अन्य भाषाओं की शिक्षा संबंधी पंजाब अधिनियम, 2008” के तहत सभी प्रावधानों और समय-समय पर की गई संशोधित शर्तों के अनुसार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी स्कूल, चाहे वे किसी भी बोर्ड से संबद्ध हों, पंजाबी को प्रमुख भाषा के रूप में पढ़ाने के आदेश का पालन करें।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी स्कूल द्वारा इस आदेश की अवहेलना की जाती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस फैसले की जानकारी साझा की और कहा कि अब राज्य के प्रत्येक स्कूल को इन निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
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