
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों लोगों को जल्द ही तगड़ा झटका लगने वाला है. शुक्रवार यानी 28 फरवरी ईपीएफओ (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की होने वाली मीटिंग में इंटरेस्ट रेट पर कटौती को लेकर कुछ फैसले ले सकते है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएफ के लिए ब्याज दर में कटौती की जा सकती है. स्टॉक मार्केट और बॉन्ड यील्ड से ईपीएफओ की कमाई में गिरावट आई है और ज्यादा दावों का सेटलमेंट किया गया है, इसी कराण से ये निर्णय लिया जा सकता है.

बता दें कि ईपीएफओ के बोर्ड की इनवेस्टमेंट कमेटी की पिछले हफ्ते बैठक हुई थी. इसमें ईपीएफओ (EPFO) के इनकम और एक्सपेंडीचर प्रोफाइल पर चर्चा हुई जिससे बोर्ड को ईपीएफ इंटरेस्ट रेट की सिफारिश की जा सके. इस बोर्ड में शामिल कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि ने बताया कि इस साल इंटरेस्ट रेट पिछले साल के मुकाबले कम हो सकता है. इसकी वजह हाल के महीनों में बॉन्ड यील्ट में आई गिरावट बताई जा रही है. ऐसे में अगर ज्यादा ब्याज दिया जाता है तो फिर ईपीएफओ (EPFO) के पास कोई सरप्लस नहीं रह जाएगा.
Read More – जोरों से चल रही है Priyanka Chopra के भाई Siddharth Chopra की शादी की तैयारी, एक्ट्रेस ने शेयर किया फोटो …
कब मिला सबसे ज्यादा ब्याज
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी पर 12% की कटौती ईपीएफ खाते के लिए की जाती है. साथ ही कंपनी भी इतना ही पैसा कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा करती है. ईपीएफओ (EPFO) के करीब सात करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक EPFO ने 2024-25 में 5.08 करोड़ से ज्यादा क्लेम निपटाए हैं. इन क्लेम की कुल राशि 2.05 लाख करोड़ रुपए है. 2023-24 में 4.45 मिलियन क्लेम निपटाए गए थे, जिनकी कुल वैल्यू 1.82 लाख करोड़ रुपए थी. मतलब इस साल लोगों ने अपने PF अकाउंट से पैसा ज्यादा पैसा निकाला है. साथ ही स्टॉक मार्केट और बॉन्ड से ईपीएफओ को कम कमाई हुई है.
Read More – Kareena Kapoor ने पति Saif Ali Khan के हेल्थ को लेकर दिया अपडेट, कहा- उनके हाथ में चोट लगी है, परिवार के बाकी सदस्य …
बता दें कि साल 1952-53 में ईपीएफओ (EPFO) की ब्याज दर 3% थी. धीरे-धीरे बढ़ते हुए 1989-90 में यह 12% तक पहुंच गई. यह अब तक की सबसे ज्यादा ब्याज दर थी. साल 2000-01 तक यही ब्याज दर रही. उसके बाद 2001-02 में यह घटकर 9.5% हो गई. साल 2005-06 में यह और गिरकर 8.5% पर आ गई. फिर 2010-11 में ब्याज दर को बढ़ाकर 9.50% किया गया. लेकिन 2011-12 में इसे फिर से घटाकर 8.25% कर दिया गया. 2021-22 में यह सबसे कम 8.10% तक पहुंच गई थी. 2022-23 में पीएफ सब्सक्राइबर्स को 8.15% ब्याज दिया गया था.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक