
रायपुर। जिस राज्य का अन्नदाता प्रसन्न हो, वहाँ खुशहाली निश्चित है.छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की डबल इंजन की सरकार ने राज्य के किसानों को हर तरह से राहत देने का काम किया है. अपने मुख्यमंत्रित्व काल के आरम्भ से ही अन्नदाताओं के हितों के लिए योजना बनाने और उन्हें लाभ पहुँचाने के मामले में देशभर में अग्रणी रहे राज्य के मुखिया विष्णु देव साय.
छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार के शासन में किसानों के हित में कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) प्रमुख है. इस योजना के तहत प्रदेश के लाखों किसानों को वित्तीय सहायता मिल रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना: एक संक्षिप्त परिचय
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल ₹6,000 की राशि तीन किस्तों में दी जाती है.
छत्तीसगढ़ में योजना का प्रभाव
विष्णु देव साय सरकार ने इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया है, जिससे प्रदेश के लाखों किसानों को लाभ मिल रहा है. इसका प्रभाव निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है:
आर्थिक मजबूती:
किसानों को सीधे बैंक खातों में सहायता राशि मिलने से वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं.
छोटे और सीमांत किसान अपनी खेती में निवेश कर रहे हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ रही है.
कृषि क्षेत्र में सुधार:
किसानों को समय पर सहायता मिलने से आसानी से बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य कृषि सामग्रियों की खरीद कर पा रहे हैं.
सिंचाई और आधुनिक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे उपज में वृद्धि हो रही है.
गांवों में समृद्धि:
किसानों की आमदनी बढ़ने से गाँवों की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ हो रही है.
स्थानीय व्यापार को भी इसका फायदा मिल रहा है, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2025 को बिहार के भागलपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी की, जिसमें देश भर के 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 22,000 करोड़ रुपये अंतरित किए गए. इन किसानों में छत्तीसगढ़ के 25 लाख 95 हजार 832 किसान भी शामिल हैं. इन किसानों खाते में 599 करोड़ 38 लाख रुपए की सम्मान निधि भेजी गई है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित पीएम किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लेते हुए किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले किसानों को बधाई दी और उन्हें सम्मानित करते हुए हुए कहा कि “अन्नदाताओं का सम्मान मां अन्नपूर्णा के सम्मान के समान है” उन्होंने बताया कि पिछले 14 महीनों में राज्य सरकार ने किसानों के खातों में लगभग एक लाख करोड़ रुपये स्थानांतरित किए हैं. साय ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक छत्तीसगढ़ के किसानों को 9,712.58 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है.
अन्नदाताओं को अच्छा मूल्य मिलने से उनके जीवन में खुशहाली आई है. किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ते हुए समृद्ध हो रहे हैं.. किसानों की समृद्धि से ही मजबूत ग्रामीण विकास का आधार तैयार हो रहा है, परिणामस्वरूप शहरी अर्थव्यवस्था भी बेहतर होते जा रही है.प्रदेश के मुख्यमंत्री का मानना है कि अन्नदाताओं के श्रम से मिली शक्ति और उत्साह से ही हम छत्तीसगढ़ को संवार रहे हैं. विकसित छत्तीसगढ़-विकसित भारत बनाने में किसानों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है.
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ कृषि मंत्री रामविचार नेताम, छत्तीसगढ़ राज्य वनोषधि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय कुलपति गिरिश चंदेल, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, कृषि विभाग के संचालक डॉ सारांश मित्तर सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में अब तक 9712 करोड़ 58 लाख रुपए की सम्मान निधि प्रदेश के किसानों को दी जा चुकी है. वर्ष 2023-24 की तुलना में 2 लाख 75 हजार से अधिक किसान भाइयों को इस योजना का लाभ मिला है. इस योजना का लाभ हमारे 2 लाख 34 हजार वन पट्टा धारी किसानों और 32 हजार 500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है. विशेष पिछड़ी जनजाति के किसान भाइयों को योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए कृषि भूमि की अनिवार्यता को शिथिल किया गया”
मुख्यमंत्री साय ने यह भी कहा कि “किसानों को मोदी जी ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की गारंटी दी थी. हमारी सरकार ने यह वायदा निभाया है. साथ ही किसानों को दो साल का बकाया बोनस देने की गारंटी भी दी गई थी. शपथ ग्रहण के एक पखवाड़े के भीतर ही हमने 13 लाख किसानों के खाते में बोनस की 3716 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी थी. पिछली बार हमने 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की. किसानों को दिये गये धान के मूल्य के साथ बोनस राशि शामिल कर लें तो पिछले खरीफ सीजन में किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए भेजे गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस खरीफ सीजन में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की रिकार्ड खरीदी हमने की. इस सीजन में विभिन्न योजनाओं से मिलने वाली राशि मिला लें तो लगभग 52 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में हमने भेजी है.”इस योजना का लाभ राज्य के 2,34,000 वन पट्टा धारी किसानों और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है. विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को लाभान्वित करने के लिए कृषि भूमि की अनिवार्यता को शिथिल किया गया है.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले खरीफ सीजन में 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई, जिससे किसानों के खातों में बोनस राशि सहित कुल 49,000 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए. इस वर्ष 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की रिकॉर्ड खरीद की गई है, जिससे किसानों के खातों में लगभग 52,000 करोड़ रुपये भेजे गए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि “सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उद्यानिकी फसलों, फसल विविधीकरण और पशुपालन को बढ़ावा दे रही है” छत्तीसगढ़ सरकार ने भी एनडीडीबी के साथ समझौता करके दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए हैं, जिससे राज्य में दुग्ध क्रांति की दिशा में प्रगति हो रही है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं. इसके लिए उनका जोर उद्यानिकी फसलों, फसल विविधीकरण तथा पशुपालन पर भी है. हम उद्यानिकी तथा फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने विशेष कार्य कर रहे हैं. साथ ही पशुपालन को प्रोत्साहन देते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एनडीडीबी के साथ हमने एमओयू भी किया है. इससे दुग्ध क्रांति की दिशा में प्रदेश अग्रसर हो गया है. हमारी सरकार लगातार किसानों की आकांक्षाओं को पूरा कर रही है. दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 5 लाख 62 हजार भूमिहीन किसानों के खाते में दस-दस हजार रुपए की राशि भी हमने दी है.”
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी होने से छत्तीसगढ़ के किसानों को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिली है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में सहायक होगी. राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से, किसानों के जीवन स्तर में सुधार और कृषि क्षेत्र में विकास की दिशा में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं.
सरकार की प्रतिबद्धता और सुशासन
विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन के सिद्धांतों पर कार्य कर रही है. किसान कल्याण सरकार की प्राथमिकता रही है और PM-KISAN जैसी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया गया है. साथ ही, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सहायता राशि पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुँचे और कोई भ्रष्टाचार न हो.
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि, कुछ किसान अभी भी विभिन्न तकनीकी कारणों से इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. सरकार ने इसके समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर, ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर और ऑनलाइन पोर्टल जैसी सुविधाएँ प्रदान की हैं, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके.
निष्कर्ष
विष्णु देव साय सरकार की सुशासन नीति और किसान-हितैषी योजनाओं से छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति मजबूत हो रही है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो रही है. यदि इसी तरह योजनाओं को कुशलतापूर्वक लागू किया जाता रहा, तो आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के किसान और अधिक समृद्ध होंगे.