शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में बेटे की चाह में 1 महीने की मासूम बच्ची को मौत के घाट उतारने वाली हत्यारी मां को भोपाल जिला अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साल 2020 में आरोपी सरिता मेवाड़ा ने मासूम बच्ची को पानी की टंकी में डुबोकर उसकी हत्या कर दी थी। मामला खजुरी थाना इलाके का है।    

पानी की टंकी में डुबोकर की थी हत्या

बता दें कि भोपाल के खजूरी इलाके में मां ने ही पानी की टंकी में डुबोकर एक महीने की मासूम बेटी की हत्या कर दी थी। घटना 16 सितंबर 2020 की है। आरोपी मां फिलहाल जेल में बंद है। केस में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया ने पैरवी की थी।

आरोपी को थी बेटे की चाहत

खजूरी थाने के तात्कालीन टीआई एलडी मिश्रा का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह साफ था कि बच्ची की हत्या की गई है। शक की सुई उसकी मां पर थी। जांच के बाद मां को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में मां सरिता बाई मेवाड़ा ने बताया था कि उसे लड़के की चाहत थी। लड़की पैदा होने पर उसे बच्ची से नफरत हो गई थी। इसी के चलते उसने बेटी की हत्या की।

फैसला सुनाते हुए जज अतुल सक्सेना ने विशेष टिप्‍पणी की वर्तमान मे पुत्रियॉं सभ्‍यता, सस्‍ंकृति व राष्‍ट्र निर्माण का सशक्‍त हस्‍ताक्षर है, शास्‍त्रों मे पुत्रियों को हद्रयों का बंधन, भावों का स्‍पंदन, सृजन का आधार, भक्ति का आकार और संस्‍कृति का संस्‍कार माना गया है, वर्तमान मे भारत जैसे विकसित राष्‍ट्र मे पुत्रियों को साहस, सृजन, सेवा, सभ्‍यता, सौंदर्य एवं शक्ति के पुंज के रूप मे देखा जा रहा है।

न्‍यायालय द्वारा अपने निर्णय मे रविन्‍द्र नाथ टैगारे की पंक्तियों को भी समाहित किया है- ‘’जब एक पुत्री का जन्‍म होता है तो यह इस बात का निश्‍चायक सबूत है, कि ईश्‍वर मानव जाति से अप्रसन्‍न नहीं है, क्‍योंकि ईश्‍वर पुत्रियों के माध्‍यम से स्‍वयं को साकार रूप देता है।‘’

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