हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में हाई-टेक ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो देशभर के सीनियर सिटीजन को फर्जी डिजिटल अरेस्ट दिखाकर करोड़ों की ठगी कर रहा था। इस गैंग के सदस्यों ने इंदौर की 65 वर्षीय महिला को CBI और कस्टम अधिकारी बनकर डरा-धमकाकर 46 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। जब पीड़िता को अहसास हुआ कि वो ठगी का शिकार हो चुकी हैं, तब उन्होंने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई। अब इंदौर क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में छापा मारकर इस ठगी गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें उत्तर प्रदेश के दो आरोपी और दिल्ली का मास्टरमाइंड शामिल हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से डेमो करवाया, जिसमें उन्होंने दिखाया कि कैसे वह लोगों को कॉल करके डिजिटल अरेस्ट का झांसा देते थे और ठगी को अंजाम देते थे।

ऐसे देते ठगी की वारदात को अंजाम 

गैंग के सदस्य खुद को सरकारी अधिकारी बताकर फोन करते थेशिकायतकर्ता को बताया जाता कि उनके नाम पर कोई फर्जी मामला दर्ज हैCBI और कस्टम अधिकारी बनकर धमकाते थे और फर्जी दस्तावेज भेजते थेडराने के बाद बैंक खातों में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाते थे

छापेमारी में क्या बरामद हुआ?

  • IMEI क्लोनिंग वाले मोबाइल और 500+ सिम कार्ड
  • देशभर के लाखों सीनियर सिटीजन का डेटा
  • स्क्रिप्टेड स्पीच की 10 डायरी और कॉलिंग डिवाइस
  • फर्जी कॉलिंग के लिए GSM फिक्स्ड वायरलेस फोन और नेटवर्क बूस्टर

डीसीपी और एडिशनल डीसीपी ने आरोपी से करवाया लाइव डेमो

  • आरोपी ने बताया कि कैसे वह कॉल पर खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे
  • कैसे लोगों को डराने के लिए नकली केस बनाकर भेजते थे फर्जी दस्तावेज
  • कैसे लोगों को धमकाकर बैंक ट्रांसफर करवाते थे

पुलिस के सामने आरोपी ने लाइव डेमो देकर दिखाया कि वे कैसे लोगों को फंसाते थे। क्राइम ब्रांच के अफसरों ने खुद यह समझा कि आखिर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को कैसे ब्लैकमेल किया जाता था। अब पुलिस इस गिरोह के बाकी सदस्यों तक पहुंचने के लिए तकनीकी जांच और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच डीसीपी ने बताया कि नॉर्थ इंडियन और साउथ इंडियन का स्टाफ अलग-अलग रहता है और अलग-अलग लोगों को यह लोग कॉल करते हैं। 

READ MORE: नाबालिग रेप पीड़िता ने जहर खाकर की खुदकुशीः आरोपी अपने भाई के साथ दे रहा था धमकियां, पुलिस ने दोनों को भेजा जेल

 इंदौर के ही लगभग 3000 से ज्यादा लोगों को इन्होंने कॉल कर अपना शिकार बनाने का प्रयास किया था, इसमें से कई लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार भी हुए। पुलिस ने छापेमार कार्रवाई के दौरान जब दिल्ली पहुंचे तो सीसीटीवी कैमरे में मुख्य आरोपी ने पुलिस को आते हुए देखा और अपना लोकेशन बदल दिया। इसके बाद पुलिस ने मौके से कॉल सेंटर में काम करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर उससे कड़ाई से पूछता आज शुरू कर दी है। डीसीपी का दावा है कि जल्द ही मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H