रायपुर। राजधानी रायपुर में नवजातों की तस्करी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं. ऐसे ही एक गिरोह का भांडाफोड़ हुआ है. मामले में पुलिस ने बच्चा बेचने वाली मां, दलाल और खरीददार को गिरफ्तार किया है.

बलौदाबाजार की रहने वाली ईश्वरी चेलक दो माह पहले अंबेडकर अस्पताल गर्भपात कराने पहुंची थी. जहां उसकी मुलाकात बच्चों की तस्करी कर बेचेने वाले गिरोह की एक सदस्य ममता गोस्वामी से हुई. ममता गोस्वामी ने ईश्वरी चेलक को अपने झांसे में लेते हुए उसे अबॉर्शन न कराने की सलाह देते हुए कहा कि इसके उसे अच्छे खासे पैसे भी मिल जाएंगे. जिसके बाद वह पुरानी बस्ती में रहने वाली रुपा राठौर नाम की एक महिला के घर ले गई. जहां दोनों महिलाओं के झांसे में आकर वह 2 महीने तक उसी घर में रहने लगी और फिर 9 मार्च को अंबेडकर अस्पताल में उसने एक बच्ची को जन्म दिया. जन्म के बाद महिला ने सरायपाली निवासी भूपेश मखीजा को नवजात को बेच दिया.

पति से हुआ था झगड़ा

पुलिस के अनुसार ईश्वरी चेलक के पहले से दो बच्चे हैं. एक दिन दोनों पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और उसने अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को इस दुनिया में नहीं लाने का फैसला किया. जिसके बाद वह गर्भपात कराने अंबेडकर अस्पताल पहुंची थी जहां वह बच्चा तस्करों के जाल में फंस गई.

ऐसे हुआ खुलासा

इस मामले में किसी अज्ञात व्यक्ति ने महिला एवं बाल विकास विभाग को शिकायत की. विभाग द्वारा मौदहापारा थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई. मामले में पुलिस ने नवजात की मां ईश्वरी चेलक को हिरासत में लेकर पूछताछ की. ईश्वरी की शिनाख्त पर पुलिस ने बाकी की दो महिलाएं ममता गोस्वामी और रुपा चेलक को भी हिरासत में लिया और पूछताछ में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें कि नवजात को खरीदने वाले कपड़ा व्यवसायी भूपेश माखीजा और संजय गढ़त्रा को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार भूपेश माखीजा के बच्चे नहीं थे, एक दिन उसके जीजा संजय गढ़त्रा ने उसे रुपा राठौर के बारे में बताया कि उसके पास एक बच्चा है. जीजा की बातों में आते हुए माखीजा ने पैसे का भुगतान करते हुए बच्ची को खरीद लिया. इस मामले में पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ किशोर अधिनियम 2015 की धारा 75, 80, 81 का अपराध दर्ज किया है.