चंडीगढ़ में पांच मार्च से किसान आंदोलन के बैठने वाले हैं। इस आंदोलन के पहले बीते दिन मुख्यमंत्री के साथ किसानों की बैठक हुई जो बेनतीजा निकली. इसके बाद किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए जिला मुक्तसर के विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं के घर पर दबिश दी। करीब रात ढाई से तीन बजे के बीच कई किसान नेताओं के घर में दबिश दी, लेकिन इसके पहले ही कुछ नेता घर से फरार हो चुके थे।

घरों में दबिश देने के साथ कई लोगों को उठाया गया है। इसमें थाना कोटभाई पुलिस ने किरती किसान यूनियन के नेता जगमीत सिंह, जगरूप सिंह व जसप्रीत सिंह को हिरासत में ले लिया है। जबकि कई किसान पुलिस की दबिश की सूचना मिलने पर घर से पहले ही बाहर हो गए थे।

किसानों ने किया विरोध

पुलिस के इस रवैया से किसान नेता में भारी रोष है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि आंदोलन में बैठने के पहले आधी रात को घर में इस तरह से आना और फिर सभी को नजरबंद करना सही नहीं है। इस बारे में किसान नेता बिट्टू मल्लन ने कहा कि उन्हें पहले से ही राज्य सरकार की इस हरकत का पता था। इसलिए रात को जब पुलिस उनके घर पर आई तो वह घर नहीं थे। पुलिस परिवार से मेरे बारे पूछताछ कर वहां से चली गई। इसी तरह किसान नेता गुरभगत भलाईआना ने कहा कि सरकार इस हरकत से किसानों के संघर्ष को रोक नहीं सकती। किसान बड़े स्तर पर धरने में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा दो टूक

मुख्यमंत्री ने धरने को लेकर कहा कि अगर आपने धरना ही लगाना है तो फिर कोई मांग नहीं मानी जाएगी। यह कहते ही वे बैठक से चले गए। किसान नेताओं ने बैठक समाप्त होने के बाद घोषणा कर दी कि वे पांच मार्च से चंडीगढ़ में सात दिवसीय धरना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर पंजाब सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो मोर्चा जारी रखने का भी फैसला किया जा सकता है। आपको बता दें कि किसानों ने चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में धरना देने की घोषणा की हुई है जिसकी अभी तक चंडीगढ़ प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी है। वहीं, धरने से पहले अब किसानों पर पुलिस ने एक्शन लिया है।