नई दिल्ली. भारतीय वायु सेना सोमवार को औपचारिक तौर पर अमरीकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित चार शिनूक हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर CH-47F (I) को अपने बेडे में शामिल करेगी. आधुनिक बहुआयामी क्षमता वाले इस हेलीकॉप्टर के बेड़े में शामिल होने से भारतीय वायुसेना को न केवल लड़ाई में बल्कि मानवीय अभियान में बहुत मदद मिलेगी.
दशकों से अमरीकी वायुसेना की सेवा में लगे शिनूक हेलीकॉप्टर को भारतीय बेड़े में शामिल करने के लिए भारत ने बोइंग कंपनी से सौदा किया है. करीबन 15 अरब डॉलर के इस सौदे में 15 शिनूक हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे. इनमें से प्रथम चरण में चार हेलीकॉप्टर की आपूर्ति हो चुकी है, जिन्हें 10 फरवरी को गुजरात के मूदणा बंदरगाह पर उतारा गया, जिसके बाद सोमवार को चंडीगढ़ एयर बेस में वायुसेना प्रमुख बीएस घनोआ की उपस्थिति में भारतीय बेड़े में शामिल करने के बाद वहीं तैनात किया जाएगा.
सन् 1962 में पहली बार निर्मित इस हेलीकॉप्टर ने वियतनाम, इराक और अफगानिस्तान जैसे लड़ाई के मोर्चों पर अमरीकी सेना के लिए अहम भूमिका निभा चुका है. 1962 से लेकर अब तक यह हैलिकॉप्टर कई तब्दलियों से गुजर चुका है. भारत की जरूरत के हिसाब से हेलीकॉप्टर का अलग संस्करण CH-47F (I) तैयार किया गया है.
शिनूक हेलीकॉप्टर की खासियत –
1 . अत्याधुनिक डिजिटल कॉकपिट – इससे पायलट को अपने आसपास के वातावरण की बेहतर जानकारी के साथ अत्याधुनिक ऑटोपायलट क्षमता मिलेगी.
2. फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम – डिजिटल ऑटोमेटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की वजह से पायलट कम दिखाई देने वाले स्थानों पर भी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर सकता है.
3. मॉडर्न एयरफ्रेम – मॉडर्न एयरफ्रेम की वजह से हेलीकॉप्टर की स्थिरता बरकरार रहने के साथ हादसे से बचे रहने की संभावना बनी रहेगी.
4. तेज रफ्तार – शिनूक हेलीकॉप्टर की अधिकतम रफ्तार 302 किमी प्रति घंटा है, और यह 291 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर उड़ सकता है.
6. सेवा का दायरा – शिनूक 370.4 किमी के दायरे में काम कर सकता है.
7. वजन – हेलीकॉप्टर का कुल वजन 22,680 किग्रा और वजन ढोने की क्षमता 10,886 किग्रा है.