ब्रिटेन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पर हमले का प्रयास किया गया. इस घटना पर भारत या ब्रिटेन की सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना उनके लंदन में एक कार्यक्रम से लौटते समय हुई. उल्लेखनीय है कि खालिस्तानी तत्वों ने पहले भी जयशंकर सहित कई भारतीय अधिकारियों को धमकियां दी हैं. गुरुवार को लंदन में खालिस्तानी चरमपंथियों ने जयशंकर पर हमले का प्रयास किया. यह घटना तब हुई जब वह चैटम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद अपनी कार में लौट रहे थे. रिपोर्ट में एक वीडियो का उल्लेख है, जिसमें एक व्यक्ति जयशंकर की गाड़ी के पास जाकर लंदन पुलिस के सामने तिरंगे को क्षति पहुंचाता है.

विदेश मंत्री की ब्रिटेन और आयरलैंड की छह दिवसीय यात्रा के दौरान वे क्रमबद्ध तरीके से उच्चस्तरीय संवाद, विदेश नीति से संबंधित कार्य और भारतीय समुदाय के साथ चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों के साथ भारत के मित्रता संबंधों को नई गति प्रदान करेगी.

उन्होंने बताया कि बुधवार को ब्रिटेन में उनके समकक्ष डेविड लैमी के साथ द्विपक्षीय संबंधों सहित विभिन्न मुद्दों पर वार्ता हुई. लैमी ने जयशंकर का स्वागत किया. केंट के शेवेनिंग हाउस में दो दिनों तक दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई, जिसमें मुक्त व्यापार समझौते और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कई महत्वपूर्ण विषय शामिल थे.

भारतीय उच्चायोग ने जताई चिंता

खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों का एक समूह हाल ही में लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुआ. इससे पहले, उन्होंने लंदन के हैरो शहर में एक सिनेमाघर पर धावा बोलकर कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की स्क्रीनिंग को रोकने का प्रयास किया था. यूके में इमरजेंसी की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तानी ताकतों द्वारा उत्पात के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं पर हम यूके सरकार के साथ लगातार चिंता व्यक्त कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता और इसे बाधित करने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.

रणधीर जायसवाल ने व्यक्त किया कि हमें विश्वास है कि यूके सरकार जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ उचित कदम उठाएगी. लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और भलाई के लिए नियमित रूप से संपर्क में रहता है. हम आशा करते हैं कि यूके इस मामले में कठोर और उचित कार्रवाई करेगा. उल्लेखनीय है कि 2023 में, लंदन में भारतीय उच्चायोग को खालिस्तान समर्थकों द्वारा हिंसक हमले का सामना करना पड़ा. एनआईए के अनुसार, यह हमला पंजाब पुलिस द्वारा वारिस पंजाब डे के नेता अमृतपाल सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई के प्रतिशोध में किया गया था, जिसका उद्देश्य संगठन और उसके नेता पर कार्रवाई को प्रभावित करना था.