अजयारविंद नामदेव, शहडोल। आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले में धरती पुत्र 4 हजार से अधिक किसानों का 80 करोड़ से अधिक धान बिक्री का भुगतान नहीं हो पाया है। भुगतान के अभाव में किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर में धान बेचने के बाद आज तक करोड़ों रुपये बकाया हैं। यह हाल जिले का नहीं बल्कि शहडोल संभाग के अनूपपुर और उमरिया जिले का भी है। भुगतान नहीं होने से नाराज किसान संगठन ने होली के बाद राशन पानी लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

बच्चों की शादी जैसे जरूरी काम अटके

न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत जिले के 4 हजार 3 सौ किसानों से धान खरीदी की गई। धान बेचने के बाद 80 करोड़ से अधिक का भुगतान आज तक नहीं हो सका है। इस वजह से किसानों के बच्चों की शादी जैसे जरूरी काम अटके हुए हैं। किसानों का आरोप है कि एनसीसीएफ और सहकारिता विभाग की लापरवाही के कारण उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं।

गेंहू पंजीयन में किसान रुचि नहीं दिखा रहे

एनसीसीएफ एजेंसी को प्रदेश शासन द्वारा खरीफ सीजन के उपार्जन का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दिया गया था, जिसके द्वारा प्रदेश के शहडोल संभाग के तीनों जिलों शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले के अलावा बैतूल जिले में धान खरीदी की गई। कंपनी की लापरवाही और मनमानी का परिणाम यह रहा कि धान बेचने वाले हजारों किसानों को अभी तक भुगतान नहीं मिल पाया। धान खरीदी के बुरे अनुभवों देखते किसान गेहूं पंजीयन को लेकर आगे नहीं आ रहे है। यही कारण है कि शहडोल में गेंहू पंजीयन में किसान रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

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