Rajasthan News: राजस्थान के सिरोही जिले में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग का अभियान लगातार जारी है। हाल ही में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक बच्ची की मौत हो जाने के बाद प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। इसी कड़ी में अचपुरा गांव में एक फर्जी डॉक्टर को रंगे हाथों पकड़ा गया, जो पिछले 25 सालों से अवैध रूप से इलाज कर रहा था।

गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि अवैध रूप से इलाज कर रहे डॉक्टर अब दिनभर क्लीनिक नहीं खोलते बल्कि सिर्फ सुबह और रात के कुछ घंटों में ही मरीजों को देखते हैं। इस पर टीम ने गुप्त तरीके से फर्जी मरीज बनकर जांच करने का फैसला किया।

झोलाछाप डॉक्टर 25 साल से कर रहा था इलाज

स्वास्थ्य विभाग की टीम शुक्रवार (7 मार्च) सुबह 6 बजे अचपुरा गांव पहुंची। वहां कोलकाता निवासी फर्जी डॉक्टर अमोल समजदार पिछले 25 वर्षों से घर में क्लीनिक चला रहा था। हाल ही में हुई कार्रवाइयों के डर से वह सुबह 6 से 9 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ही क्लीनिक खोलता था।

सिरोही के सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी के निर्देश पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. एस.पी. शर्मा, आरसीएचओ डॉ. रितेश सांखला, बीसीएमओ पिंडवाड़ा डॉ. भूपेंद्र सिंह, पीएचसी भारजा के इंचार्ज डॉ. विनय सोनी, फार्मासिस्ट सौरव और पुलिस विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

टीम के एक सदस्य ने फर्जी मरीज बनकर पेट दर्द की शिकायत की। जैसे ही झोलाछाप डॉक्टर ने दवाइयां दीं, बाहर खड़ी टीम ने क्लीनिक पर छापा मार दिया और डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया। मौके से भारी मात्रा में अंग्रेजी दवाइयां भी बरामद हुईं।

झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई जारी

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सिरोही जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा। जिले में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर रोक लगाई जा सके।

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