Barsana Lathmar Holi 2025: भारत के अलग-अलग हिस्सों में होली की अलग-अलग परंपराएं हैं, लेकिन ब्रज की होली का विशेष आकर्षण होता है, जिसका इंतजार देश-विदेश के लोग करते हैं. ब्रज होली महोत्सव अपनी भव्यता और अनोखे रीति-रिवाजों के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है. ब्रजमंडल में होली का सबसे बड़ा आकर्षण बरसाने की लठमार होली है, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
लट्ठमार होली बरसाना और नंदगांव में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाने वाली सदियों पुरानी परंपरा है. रंगों का यह त्योहार कई मायनों में अनोखा है और दुनिया भर से यात्रियों, फोटोग्राफरों और संस्कृति प्रेमियों को आकर्षित करता है. हर साल होली के महीने में बरसाना और नंदगांव के गांव ध्वनि, संगीत और रंगों से जीवंत हो उठते हैं. मुख्य कार्यक्रम से कई सप्ताह पहले, तैयारियां शुरू हो जाती हैं. स्थानीय लोग सड़कों को सजाते हैं और पारंपरिक लोकगीत और नृत्य करते हैं.
आइए इस अनोखे त्योहार के बारे में और जानें, जिसमें महिलाएं पुरुषों को लाठियों से पीटती हैं.
जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि बरसाना कृष्ण की शाश्वत प्रेमिका राधा का जन्मस्थान है. लट्ठमार होली की कथा भी भगवान कृष्ण और राधा से जुड़ी है. हिंदू पौराणिक कथाओं में इन दो दिव्य आत्माओं की प्रेम कहानी के बारे में बहुत चर्चा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण अक्सर बरसाना गांव में राधा और उनकी सहेलियों को चिढ़ाते थे. बदले में बरसाना की महिलाएं कृष्ण और उनके साथियों को लाठियों या ‘लाठियों’ से खेल-खेल में भगा देती थीं और इस तरह लट्ठमार होली की परंपरा शुरू हुई.
उत्सव की शुरुआत एक जुलूस से होती है
उत्सव की शुरुआत एक जुलूस से होती है, जिसमें नंदगांव के पुरुष बरसाना की ओर चलते हैं, लेकिन यहां इन पुरुषों को बरसाना की महिलाएं लाठियों और रंगों से नवाज़ा जाता है. पुरुष आमतौर पर ढालों से लैस होते हैं और इन ख़ुशियों से खुद को बचाने की कोशिश करते हैं. पूरे उत्सव के बाद हंसी और खुशी का माहौल होता है क्योंकि नकली युद्ध कृष्ण और राधा के पौराणिक और चंचल प्रेम की याद दिलाता है.
पुरुषों को पीटती हैं महिलाएं
लठमार होली ( Lathmar Holi ) राधा और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है. मान्यता है कि इस दिन नंदगांव के ग्वाले राधा रानी मंदिर पर झंडा लगाने का प्रयास करते हैं. इस दौरान बरसाने की गोपियां मंदिर में झंडा लगाने से उन्हें रोकती है, और लठ मार-मार कर उन्हें वहां से भगाने का प्रयास करती है. इसी दौरान पुरूषों को महिलाओं से किसी तरह की बदले की आज्ञा नहीं होती है.
पकड़े जाने पर होती है पिटाई
होली उत्सव के दौरान पुरूष महिलाओं को चकमा देकर राधा रानी के मंदिर में झंडा फहराने का प्रयास करते हैं. इस दौरान अगर वे पकड़े जाते हैं तो महिलाएं उन्हें सामूहिक रूप से पिटती है. कई बार तो पुरूषों को महिलाओं के कपड़े पहनकर नाचने भी पड़ते हैं. ये सारी चीजें आस्था और आपसी सहयोग से होते हैं. महिला और पुरूष राधेकृष्ण की भक्ति में लीन होकर यह सब करते हैं.
Barsana Lathmar Holi 2025: बरसाने में लट्ठमार होली शुरु
बरसाना में आज 8 मार्च से लट्ठमार होली शुरु हो गई है. रंगीली चौक के साथ पूरे ब्रजमंडल में विश्व प्रसिद्ध होली खेली जा रही है. लट्ठमार होली देखने लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. ब्रजमंडल के रंगीली चौक पर विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली होती है. लट्ठमार होली के लिए हुरियारिन-हुरियारे कई महीने पहले से तैयारी करते हैं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें